Edited by Sabir Khan; मुंबई, NIT;पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने के खिलाफ जहां संसद में विरोध हो रहा है वहीं देश के अलग अलग हिस्सों में नागरिकों द्वारा सड़क पर गुस्से का इज़हार करते हुए विरोध प्रदर्शन सजा रद्द करने की मांग की जा रही है। आज बुधवार को मुंबई से सटे मीरा-भाइंदर शहर के मीरा रोड इलाके में मुस्लिम समुदाय के द्वारा जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन कर मौत की सजा रद्द करने की मांग की गई।
संसद में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह औऱ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को साफ लहजों में सख्त चेतावनी दी है वहीं दिल्ल से तकरीबन चौदह सौ किलोमीटर दूर मीरा भायंदर में भ विरोध के सुर देखने को मिल रहे हैं। कुलभूषण जाधव के मौत की सज़ा रद्द करने की मांग को लेकर आज मीरा रोड में एक स्थानीय साप्ताहिक अखबार के संपादक अजीम तांबोली के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और स्थानीय पुलिस को ज्ञापन दिया। आजिम तंबोली और प्रदर्शन में शामिल रहे अन्य लोगों ने कहा कि अल्लाह से दुवा करें की कुलभूषण जाधव की फ़ांसी रद्द हो और वह सही सलामत भारत वापस लौट आए। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व कांग्रेसी नगरसेवक एस ए खान, मौलाना वाजिदुल कादरी, सना देशमुख, रेहान सैय्यद, जियाउल्लहा खान और अन्य लोग शामिल रहे।
- क्या है कुलभूषण जाधव मामला? जाधव को पिछले वर्ष 3 मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान के रास्ते दाखिल हुआ था। पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव भारतीय नौसेना का ‘सेवारत अधिकारी’ था और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में प्रतिनियुक्ति पर था। जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने उसके ‘कबूलनामे का वीडियो’ भी जारी किया था। भारत यह बात मानता है कि जाधव ने नौसेना में काम किया है लेकिन सरकार के साथ उसके किसी संबंध को खारिज किया है।
पाकिस्तानी सेना की सैन्य इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा ‘सभी आरोपों में’ दोषी पाये जाने पर 46 वर्षीय जाधव की मौत की सजा पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मुहर लगा दी है। इसमें कहा गया, ‘जासूस पर पाकिस्तानी सैन्य कानून के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिये मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनायी गयी.’’ इसमें आगे कहा गया कि जाधव को सभी आरोपों में दोषी पाया गया।
आईएसपीआर के बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के कमांडर जाधव ने मजिस्ट्रेट और अदालत के सामने यह ‘स्वीकार’ किया कि उसे ‘रॉ ने पाकिस्तान को अस्थिर करने और जंग छेड़ने के उद्देश्य से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने और समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। उसका काम बलूचिस्तान और कराची में कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों के शांति बहाली के प्रयासों को बाधित करना था।’
- पाकिस्तानी मीडिया ने दिखाया था कबूलनामे का वीडियोवीडियो में जाधव ने कहा कि वह मुंबई में रहता है, और ‘अब भी भारतीय नौसेना का अधिकारी है, जिसकी सेवानिवृत्ति 2022 में होनी है…’ उसने कहा कि उसने वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से करियर शुरू किया था, और बाद में उसने ईरान में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया, जिसकी वजह से उसे पाकिस्तान आने-जाने में सहूलियत होने लगी, और वर्ष 2013 में उसे रॉ एजेंट बना लिया गया. उसके मुताबिक उसे 3 मार्च को ईरान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश के दौरान ही गिरफ्तार किया गया।
विदेश मंत्रालय ने पिछले साल एक बयान में कहा था, ‘भारतीय नौसेना से समय पूर्व ली गयी सेवानिवृत्ति के बाद इस शख्स का सरकार से कोई जुड़ाव नहीं है।’ भारत ने वाणिज्य दूतावास को जाधव से संपर्क करने देने की मांग की थी लेकिन पाकिस्तान बार-बार भारतीय अधिकारियों को उससे मिलने देने से इनकार करता रहा है। आईएसपीआर के बयान में हालांकि कहा गया कि जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को ‘कानूनी प्रावधानों के मुताबिक बचाव अधिकारी मुहैया कराया गया था।’ पाकिस्तानी सेना के सजा ए मौत के फैसले से भारत-पाक के रिश्तों में और तनाव आने की उम्मीद है।
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