अली अब्बास, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:
तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन है। अहिंसा, करुणा और मैत्री का मंत्र भी इसी संस्कृति ने दिया है। लिहाजा आज जरूरत है भारतीय संस्कृति के इस मंत्र को विश्व भर में फैलाने की ताकि एक-दूसरे के प्रति जो नफरत फैल रही है उसे समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज अपनी इसी संस्कृति की बदौलत भारत विश्व की बड़ी ताकत बन रहा है।
रमणरेती धाम महावन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए दलाई लामा ने कहा कि आज की सबसे बड़ी जरूरत विश्व में आपसी प्रेम की है। इसी से मुल्कों के बीच की दुश्मनी को दूर किया जा सकता है और एक शांत और नए विश्व का निर्माण किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा प्रेम का संदेश पूरी दुनिया को दिया है। भारत दुनिया भर को एक राह दिखा रहा है। दलाई लामा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत का प्रचार प्रसार आज के समय में बहुत आवश्यक है क्योंकि संस्कृति और संस्कृत का भी एक बड़ा रिश्ता है।
समारोह में स्वामी गोविंदानंद, स्वामी हरदेवानंद, स्वामी दिव्यानंद, कार्ष्णि संत नागेंद्र दत्त गौड़ भी उपस्थित रहे।
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