Edited by Abrar Ahmad Khan, NIT :
लेखक: श्रीप्रकाश सिंह निमराजे
हमारे देश में जो संस्था कानून बनाने का कार्य करती है उसे विधायिका कहते हैं।
देश में दो तरह के विधायिका है, राज्य विधायिका और केंद्रीय विधायिका।
केंद्रीय विधायिका को संसद कहा जाता है और राज्य विधायिका को स्टेट लेजिसलेटिव असेंबली के नाम से जाना जाता है।
सबसे पहले जिस कानून को बनाया जाता है उसका मसौदा या ड्राफ्ट बनता है, जब यह ड्राफ्ट संसद के सामने जाता है तो उसे बिल या हिंदी में विधेयक कहते हैं, बिल या विधेयक कानून का प्रस्ताव है इसे लोकसभा में भी पेश किया जा सकता है और राज्यसभा में भी पेश किया जा सकता है और जब यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो जाता है और राष्ट्रपति के इस पर हस्ताक्षर हो जाते है तो उसे अधिनियम कहते हैं ।
यानी कि सबसे पहले ड्राफ्ट फिर उसके बाद बिल और उसके बाद अधिनियम।
इस पूरी प्रक्रिया को अधिनियमितीकरण/ एनेक्टमेंटकहते हैं (ENACTMENT) और इस प्रक्रिया से जो भी कानून हमारे देश में आएगा उसे अधिनियम कहते है।
तो क्या कार्यपालिका भी कानून बना सकती है क्या एक्जीक्यूटिव बाडी को भी लॉ मेकिंग के पावर दिए गए हैं?
तो इसका जवाब है हां भारतीय सविधान के अनुच्छेद 123 और 213 को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि कार्यपालिका या एग्जीक्यूटिव बॉडी को भी कानून बनाने का अधिकार है, यह कानून अर्जेंट मामलों में बनते हैं।
जब कभी पार्लियामैंट या लेजिसलेशन का सत्र चालू ना हो या और बहुत अर्जेंट मामले में किसी कानून की जरूरत है तो केन्द्र में राष्ट्रपति और राज्य में राज्यपाल अध्यादेश प्राख्यापित करते हैं।यह अध्यादेश उसी दिन प्राख्यापित किया जाता है और उस दिन से लागू होता है लेकिन जिस दिन से यह अध्यादेश लागू होगा उस दिन से 6 महीने के भीतर संसद को सत्र में आना होगा और संसद के सत्र के शुरू होने के बाद 6 सप्ताह के भीतर इस ऑर्डिनेंस को संसद द्वारा एक कानून का रूप लेना होगा।
यानी कि अगर कोई भी ऑर्डिनेंस 6 महीने के अंदर तक कानून नहीं बनता है तो वह ऑर्डिनेंस शून्य हो जाएगा अर्थात किसी भी ऑर्डिनेंस का जीवनकाल केवल अधिकतम 6 माह का ही होता है।
अर्थात अधिनियम एक कानून है जो विधायिका द्वारा पारित है।
(A law enacted by parliament or legislature is known as act)
अध्यादेश कार्य पालिका द्वारा प्राख्यापित एक कानून है।
(A law proclaimed by executive is known as ordinance )
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, ग्वालियर।
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