शारिफ अंसारी, ब्यूरो चीफ, थाना (महाराष्ट्र), NIT:
भिवंडी तालुका के काल्हेर, कोपर ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत 20-25 वर्ष पुराने आरसीसी इमारत व गोदाम पर एमएमआरडीए द्वारा अनाधिकृत घोषित कर के तोड़ने का आदेश जारी किया था। जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने काल्हेर में रास्ता रोकों आन्दोलन किया तथा चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में भी इन गोदामों तथा इमारतों को तोड़ा गया तो इससे भी बड़ा तीव्र आन्दोलन किया जायेगा।
एमएमआरडीए के तोडू दस्ते कारवाई करने के निकले परन्तु ग्रामीणों द्वारा तीव्र आन्दोलन को देखते हुए बैरंग लौटना पड़ा। किन्तु इस आन्दोलन से पुरा दिन भयंकर यातायात बाधित रहा।
भिवंडी तालुका के ग्रामपंचायत क्षेत्रों में भारी संख्या में गोदाम का निर्माण हुआ है। वर्ष 2009 में भिवंडी तालुका के 51 ग्रामपंचायत को एमएमआरडीए कार्य क्षेत्र में लेने कारण इन क्षेत्रों में इमारत तथा गोदाम बनाने के लिए एम एम आरडीए द्वारा परवानगी लेनी पड़ता है। किन्तु 2009 के पूर्व अनेक गांवों में इमारत व गोदाम का निर्माण ग्रामीणों द्वारा किया गया था। जिसमें कोपर, काल्हेर, कशेली के ग्राम पंचायतें मुख्य रूप से है। जिसको देखते हुए एमएमआरडीए के अतिक्रमण विभाग तथा राजस्व विभाग के सहायक आयुक्त एमएमआरडीए ने दिनांक १५ जून को एक जाहीर नोटिस जारी कर ग्रामपंचायत कोपर के सर्व्हे क्रमांक ३०,३१,३२,३३,३४,३५,३६,३७,३८,३९,४०,४१,४२,४८,४९,५०,५१,५२,५३,५४,५५,५६ पर बना अरिहंत काम्प्लेक्स के आरसीसी निष्कासित करने का आदेश बिल्डर व जमीन मालक संजय देढिया को दिया गया। इसके साथ ही महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगररचना अधिनियम १९६६ चे कलम ५३[१] नुसार ०५ जुलै २०१६ को नोटिस देकर बांधकाम तोड़ने का आदेश दिया था। किन्तु नहीं तोड़ने पर बांधकाम निष्कासित करने का नियोजन एमएमआरडीए ने १८ जून को किया।
इस जाहिर सुचना के बाद किसान, गोदाम मालिकों में दहशत फैल गयी थी जिसके कारण इकठ्ठा होकर काल्हेर के तीन रास्ते पर रास्ता रोको आन्दोलन किया गया। गांवों के बिगर खेती के जमीन पर बीस से पच्चीस वर्षों पुर्व गोदाम का निर्माण किसानों द्वारा किया गया था। जिसके ऊपर उनका परिवार का भरण पोषण होता है। इन गोदामों को अवैध घोषित करने का आदेश कोन दिया, इस प्रकार का आरोप पुर्व विधायक योगेश पाटिल ने एमएमआरडीए पर लगाया है। वही पर कहा कि इन गोदामों को अगर तोड़ा गया तो इससे भी बड़ा आन्दोलन किया जायेगा। जिसका जवाबदार एमएमआरडीए के अधिकारी होंगे।
इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन में कृष्णकांत कोंडलेकर, पुर्व विधायक योगेश पाटील, जिल्हा परिषद सदस्य जयवंत पाटील, जगदीश पाटील, सरपंच, ग्रामपंचायत सदस्य व ग्रामीण आंदोलन में सहभागी रहे। लगभग एक घंटे के इस आन्दोलन से पांच से छह किलो मीटर तक रोड जाम रहा।
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