साबिर खान, अमरोहा/लखनऊ (यूपी), NIT:
शिक्षक और समाज सेवक अरशद रज़ा कहते है कि आजकल की सुविधाजनक ज़िन्दगी की दौड़ में हम जाने अन्जाने अपने पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम हर साल 5 जून को “विश्व पर्यावरण दिवस” के रूप मे मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के उपायों पर ध्यान देने और उन उपायों को लागू करने के मकसद से हर साल पूरे विश्व मे मनाया जाता है।
इस दिन हर जगह पर्यावरण के सन्दर्भ में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। खासकर स्कूलों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों में विशेष जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि हर कोई पर्यावरण को दूषित होने से बचाए और दूसरों को भी प्रेरित कर सके।
इस वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस सम्मेलन चीन में आयोजित किया जायेगा। इस बार की थीम है ‘वायू प्रदूषण’।
आजकल के दौर मे वायू प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। जल्द ही इससे निपटा नहीं गया तो मनुष्य व जीव जन्तुओं का अस्तित्व धरती पर खतरे में पड़ जायेगा। अगर हमें अपनी धरती को बचाना है तो हमें कुछ उपाय करने होंगे।
बहुत से उपाय हैं जो हम अपने स्तर पर कर सकते हैं: जैसे काम पर जाने-आने के लिए कार या मोटर साईकिल कि जगह साइकिल का उपयोग करना या पैदल चलना, गैर-जैविक कचरे की रिसाइक्लिंग करना, काम ना होने पर लाइटों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें।
कचरे को जलाएं नहीं, यह सीधे वायु प्रदूषण का कारण बनता है।
अन्त में अरशद रज़ा कहते हैं कि वायु प्रदूषण को हम निश्चित रूप से नियंत्रित कर सकते हैं इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है और सभी को अपनी अपनी ज़िम्मेदारी समझने की जरूरत है। सभी लोग अधिक से अधिक पौधे लगायें और उनकी देखभाल करें। आइए हम दुनिया को दिखा दें कि अब इस समस्या से निपटने के लिए हम सब मिलकर काम करने को तैयार हैं।
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