संस्कृत भाषा आधुनिक समय की भाषा, संस्कृत संस्थान लखनऊ के द्वारा चलाई जा रही सरल संस्कृत संभाषण योजना | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

संस्कृत भाषा आधुनिक समय की भाषा, संस्कृत संस्थान लखनऊ के द्वारा चलाई जा रही सरल संस्कृत संभाषण योजना | New India Timesसंस्कृत भाषा आधुनिक समय की भाषा के रूप में जनसामान्य की हृदय में अपना स्थान बना रही है यह श्रेय उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के द्वारा चलाई जा रही योजना सरल संस्कृत संभाषण के अंतर्गत संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का आयोजन 75 जिलों में किया जा रहा है। यह आयोजन जिले के समस्त प्राथमिक विद्यालय,उच्च प्राथमिक विद्यालय,माध्यमिक विद्यालय व महाविद्यालयों इत्यादि में किया जा रहा है।इसी के अंतर्गत लखीमपुर जिले के ओयल नगर में स्थित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 15 दिवसीय संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का संचालन जो दिनांक 12 दिसम्बर 18 से चल रही थी जिसका समापन विगत दिवस को किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ओयल नगर पंचायत की सभासद श्रीमती कमला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृतभाषा ही वह भाषा है जिसके द्वारा भारत देश का विकास संभव है यह केवल भाषा ही नहीं बल्कि समस्त संस्कारों की जननी है।यदि व्यक्ति इस भाषा को पढ़ता है तो वह अपने विकास के साथ-साथ अन्य लोगों का भी विकास कर सकता है।विशिष्ट अतिथि न्याय पंचायत संसाधन समन्वयक राम मोहन दीक्षित ने बताया कि संस्कृत केवल भाषा ही नहीं बल्कि वह हमारी आत्मा है ।यदि हमें अपना विकास करना है तो सर्वप्रथम हमें संस्कृत के महत्व को समझना होगा तभी हमारा विकास संभव है। सुनीता श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के लिए किया जा रहा यह प्रयास अत्यंत उत्तम श्रेष्ठकर है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है। इन्हीं छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा ही हम अपने देश को समर्थ भारत बनाने में सफल हो पाएंगें।कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षिका मीना कुमारी ने किया उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा जन भाषा हो इसके लिए किए जा रहें प्रयास इसी प्रकार से चलते रहेंगें।लल्लन बाबू मौर्य ने कहा कि यह कार्यशाला 15 दिवसीय रहीं।इस कार्यशाला में 100 छात्रों ने प्रतिभाग किया।इस कार्यशाला में पढ़ने वाले छात्रों में अधिक संख्या अल्पसंख्यक वर्ग की थी।इस अवसर पर छात्रों के द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जैसे दरक्शा और रंजीता ने संस्कृत भाषा में परस्पर संवाद जेबा ने अनुभव कथन रिद्धिमा और नैंसी ने दूरवाणी संवाद, कोमल और पलक ने संस्कृत गीत गाकर सभी का मन मोह लिया कार्यक्रम की अध्यक्षता रीता शुक्ला ने सभी छात्रों को आशीर्वचन प्रदान किए।इस अवसर पर सपना त्रिपाठी नारायण आकाश दीपक मुस्कान आदि छात्र उपस्थित रहें।


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