मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
ताप्ती नदी के मोहना संगम पर श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए लगभग 9 करोड़ रुपए की कार्ययोजना की स्वीकृति सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटील के प्रयास से प्राप्त हुई है। इस योजना के लिए सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा एक वर्ष से प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर इस कार्य योजना की जल्द स्वीकृति हेतु निवेदन किया गया था, जिसके परिणाम स्वरूप इस कार्ययोजना की स्वीकृति मिल गई है। पर्यटन विभाग अब इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करेंगा। ग्राम बोहरडा फाटे से मोहना संगम तक के लगभग 2 करोड़ 23 लाख की लागत से सीसी रोड निर्माण की भी स्वीकृति मिल गई हैं।
उल्लेखनीय है की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश-प्रदेश में धार्मिक स्थलों का विकास कर रही है। मोहना संगम के श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर के विकास की कार्ययोजना शासन को संबंधित विभाग द्वारा प्रेषित की गई थी। आने वाले समय में यह धार्मिक पर्यटन स्थल पूर्ण रूप से विकसित होगा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत सी सुविधा मिलेगी। इस कार्ययोजना को लेकर गत दिवस सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटील द्वारा मोहना संगम पर प्रेस वार्ता भी लेकर जानकारी दी गई थी। खंडवा संसदीय क्षेत्र के बुरहानपुर को मिली इस सौगात के लिए सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है।
कार्ययोजना में यह हैं शामिल
श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर में कई विकास कार्य होंगे श्रद्धालुओं के लिए बहुत सी सुविधाएं मिलेंगी। जिसमें प्रमुख रूप से मोहना संगम के ताप्ती नदी पर घाट का निर्माण,एक पूजन हॉल का निर्माण, मंदिर परिसर में पार्क व पाथवे के साथ बच्चों के मनोरंजन हेतु फिसल पट्टी, झूले सहित कई अन्य खेल उपकरणों को लगाया जाएगा, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, पार्किंग स्थल का निर्माण, मंदिर परिसर में पूजन सामग्री हेतु दुकानों का निर्माण जिससे रोज़गार बढ़ेगा तथा मंदिर ट्रस्ट के आय में भी वृद्धि होगी, बोहरडा रोड फाटे से मंदिर तक मय पुलिया सहित सीसी रोड निर्माण का निर्माण, पहुच मार्ग व घाट पर उचित प्रकाश व्यवस्था, मंदिर परिसर में विवाह समारोह होते हैं इस हेतु डोम व स्टेज का निर्माण, मंदिर से सटे भूभाग का कटाव ना हो इस हेतु रिटर्निंग वॉल का निर्माण आदि शामिल हैं।
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