ओल्ड पेंशन स्कीम पर रेल कर्मचारियों का अभिमत जानने के लिए आज 21 और 22 नवंबर को बुरहानपुर रेल्वे स्टेशन पर मतदान | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

ओल्ड पेंशन स्कीम पर रेल कर्मचारियों का अभिमत जानने के लिए आज 21 और 22 नवंबर को बुरहानपुर रेल्वे स्टेशन पर मतदान | New India Times

ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारी का एक बड़ा आंदोलन हुआ था। आंदोलन से मजबूर होकर कांग्रेस सरकारों ने सरकार में आने पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का आश्वासन दिया। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने भी इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया है। आंदोलन का प्रभाव के परिप्रेक्ष्य में हालिया विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों ने सरकार के खिलाफ जनादेश देने में बड़ी भूमिका अदा की है। अब रेलवे के कर्मचारी भी इसी राह पर चल पड़े हैं। रेलवे कर्मचारियों की मांग है कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाए। मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन पर कार्यरत स्टेशन प्रबंधक श्री विनय मेहता, नेशनल रेलवे मजदूर संघ के भुसावल संभाग के मंडल अध्यक्ष कामरेड पुष्पेंद्र कापड़े और मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन पर कार्यरत सीटीआई एवं कर्मचारी नेता शकील अहमद सिद्दीक़ी ने संयुक्त रूप से बताया कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर्मचारीगण विगत कई दिनों से कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों की ओर प्रयाप्त रुप से कोई ध्यान नहीं दे पा रही है और सरकार शायद इसे हल्के में ले रही है।

ओपीएस को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान राष्ट्रव्यापी आंदोलन के माध्यम से आकर्षित कराया जाना है। जनवरी 2024 में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करना प्रस्तावित है। ओल्ड पेंशन स्कीम की मांगों को लेकर रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संवैधानिक अधिकारों के तहत उनका अभिमत प्राप्त करने का फैसला लिया गया है। जिस के तहत मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन के अंतर्गत घूसखेड़ा सावदा, निंभोरा, रावेर, वाघोड़ा, बुरहानपुर, असीरगढ़,चांदनी, नेपानगर मांडवा स्टेशन सहित कुल 11 स्टेशनों के लगभग 775 कर्मचारी आज 21 और कल 22 नवंबर 2023 को ओपीएस की मांग के समर्थन में मतदान करेंगे। मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन पर मतदान बॉक्स रखा गया है। यहां कर्मचारीगण सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक मतदान करके अपना अभिमत लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से देंगे। ओपीएस का आंदोलन पूरे भारत में चलाया जा रहा है जिसमें 7516 रेलवे स्टेशन पर कार्यरत लगभग 12.70 लाख कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है। रेलवे कर्मचारियों का मानना है कि सन 2004 में सरकार ने, जो नई पेंशन योजना चालू की है, उसके कारण कर्मचारी अपने आप को बंधुआ मजदूर मान रहा है। उल्लेखनीय है कि 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। ऐसी हालत में कर्मचारियों की अंगड़ाई सरकार के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। 2 दिन के मतदान से बहुत कुछ स्थितियों और परिदृश्य सामने आ जाएगा।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading