इसे कहते हैं सच्ची समाज: सेवा समाज सेवा का लगाया चौक्का, चार दिन में चार बड़ी सेवा, निरज श्रीवास्तव का काबिले तारीफ़ कार्य | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

इसे कहते हैं सच्ची समाज: सेवा समाज सेवा का लगाया चौक्का, चार दिन में चार बड़ी सेवा, निरज श्रीवास्तव का काबिले तारीफ़ कार्य | New India Times

झाबुआ जिले के मेघनगर में सांची दूध की छोटी सी दुकान का व्यवसाय करके अपनी आजीविका चलाते हुए समाजसेवा का ऐसा जज्बा लिए बहुत ही कम देखने और सुनने को मिलता है।

मेघनगर के नीरज श्रीवास्तव वर्षों से निःस्वार्थ मानसिक रोगियों विक्षप्त, बेसहारा, भटके बिछड़े को सोशल मीडिया के माध्यम से मिलाने के कार्य के साथ दिव्यांगजनों के लिए कार्य करते हैं। उनके कार्य विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं।

हाल ही में उन्होंने अथक प्रयासों के साथ चार दिन में चार बड़ी सेवाओं को अंजाम दिया।

इसे कहते हैं सच्ची समाज: सेवा समाज सेवा का लगाया चौक्का, चार दिन में चार बड़ी सेवा, निरज श्रीवास्तव का काबिले तारीफ़ कार्य | New India Times

बिहार राज्य के कैमूर सरैयां निवासी मंटू मौर्या जो मन्दबुद्धि है भटक कर मेघनगर में घूम रहे थे जिनकी काउंसिल करके सोशल मीडिया के माध्यम से घर ढूंढ उनके परिजनों से मिलवाया। दूसरे केस में जिला गोपालगंज बिहार के डुमहाडिया निवासी परमेश्वर प्रसाद जिनकी ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिनके पार्थिव शरीर को बिहार के गांव तक भेजने में शरीर दुर्गंध सड़न लगने की स्थिति देख परिवार से आज्ञा पाकर उनके भाई के साथ मेघनगर में अंतिम संस्कार किया. तीसरे केस में मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए एक बुजुर्ग जिनको महाराष्ट्र के बोइसर का सफर करना था उनके पैसे गिर जाने से बड़े ही दुःखी थे की आर्थिक रूप से मदद कर गन्तव्य तक जाने का किराया व भोजन की उपलब्धता कराई गई।

अगली सेवा जो कि मानसिक रूप से विक्षप्त पवन साहू की थी, पवन छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के मोपका का रहने वाला था जो भटकर मेघनगर के पास हरिनगर कस्बे में होना पाया गया जिनके परिजनों को सूचना देकर सकुशल घर वापसी कराई गई. इस प्रकार चार दिनों में चार सेवाओ के कार्य नीरज श्रीवास्तव द्वारा किये जाने पर जिले सहित समूचे नगर के प्रबुद्ध जनों द्वारा सरहना की जा रही है।


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