रहीम शेरानी/ रवि कुमार गहलोत, झाबुआ (मप्र), NIT:
किसी का घर उजड़ जाए या उसके बच्चे सड़क पर आ जाएं इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता केवल सट्टा खिलाने वालों की कोठियां बननी चाहिए. ऐसा ही कुछ खेल झाबुआ जिले के मेघनगर में रेलवे कॉलोनी, टीचर्स कॉलोनी, टेंपो चौराहे पर सट्टा लिखने का काम जोरों पर चल रहा है।
जी हां हम आपको बताते चलें कि टीचर्स कॉलोनी ओर टेंपो चौराहा मेघनगर में इस समय बेखौफ सट्टा खिलाया जा रहा है। इस सट्टा खेलने वालों के कई घर बर्बाद हो चुके हैं। सट्टा कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि इन को किसी भी प्रकार से कानून अथवा समाज का कोई डर नहीं रह गया है।
सट्टा खेलने वालों को तो कुछ फायदा नहीं हुआ है मगर सट्टा खिलाने वालों के दिन दुगनी और रात चौगुनी जैसी हो रही है।
मेघनगर के कुछ नगरवासी दबी जुबान से यह भी कहते हैं सट्टा खिलाने वाले कोई यूं ही और साधारण व्यक्ति नहीं है या काफी शातिर और होशियार हैं और यही नहीं सट्टा खिलाने में जो आमदनी होती है उसका हिस्सा कुछ अन्य जगहों पर भी जाता है।
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि यह सट्टे का कारोबार व्हाट्सएप पर किया जा रहा है। टीचर्स कॉलोनी, टेंपो चौराहे पर प्रतिदिन एक अनुमान के मुताबिक लगभग एक लाख से अधिक की खाई सट्टा किंग द्वारा की जाती है। यहां पर सट्टा किंग द्वारा अपने एजेन्ट चाय, पान ठेला एवं किराना दुकानों में बैठाए गए हैं जो सेठ बनकर सबकी आंखों में धूल झोंककर सट्टे की खाई वाली कर रहे हैं।
शहर में खुलेआम यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है।
शहर में सट्टा कारोबार का संचालन जोरों पर है।
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि छुटभैय्या नेताओं और आसपास के रसूखदारों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है। मेघनगर में लंबे समय से इस कारोबार का संचालन हो रहा है लेकिन यहां तक वर्दी धारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।
ऐसे लूट रहे हैं युवा बेरोजगार
सट्टा किंग टीचर्स कॉलोनी द्वारा नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में चार प्रकार के सट्टा का धंधा संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत लालच में आए लोगों से हजारों रुपए की लूट की जा रही है। जैसे टाइम बाज़ार, मिलन डे, कल्याण एवं नाइट मिलन सुबह 11 बजे से रात्रि 12 बजे तक सट्टे की खाई की जाती हैं। यहां चारों सट्टे के अंक ओपन-क्लोज के नाम आठ: खेले जाते हैं। जिनमे युवा बेरोजगार, बच्चे, महिलाएं 1 के 9 के चक्कर में अपना पैसा एवं समय दोनों बर्बाद कर रहे हैं।
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