भारत यदि आत्मनिर्भर बने तो निश्चित रूप से महाशक्ति बन सकता है: दीपक करंजिकर | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

भारत यदि आत्मनिर्भर बने तो निश्चित रूप से महाशक्ति बन सकता है: दीपक करंजिकर | New India Times

विश्व के इतिहास में कई महान घटनाएँ हुई हैं, वे घटनाएँ विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं और भारत कोई अपवाद नहीं है। यदि भारत आत्मनिर्भर बनता है तो यह भविष्य में एक महाशक्ति बन सकता है, ऐसा प्रतिपादन वरिष्ठ अर्थशास्त्री, लेखक और अभिनेता दीपक करंजिकर ने अनुभूति इंटरनेशनल रेसिडेंशियल स्कूल के छात्रों से ऑनलाइन बातचीत करते हुए कहा। विश्वस्तरीय घटनाओं की समिक्षा पर चर्चित पुस्तक ‘घातसूत्र’ से दीपक करंजिकर की मराठी साहित्य और वित्त के क्षेत्र में एक स्वतंत्र पहचान है।

‘9/11 के अवसर पर अमेरिका की स्थिति एवं उसका विश्व पर हुआ प्रभाव’ इस विषय को उन्होंने विद्वत्तापूर्ण विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया। 11 सितंबर 2001 को घटित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले और उन घटनाओं के पीछे का वास्तव, अभ्यासात्मक विश्लेषण भी किया। इसके अलावा उन्होंने छात्रों को शोधकर्ता एवं अभ्यासक बनने की दृष्टि से केवल प्रयास ही नहीं बल्कि कृति करने की भी अपील की। उन्होंने मौजूदा कोरोना महामारी की चुनौतिपूर्ण स्थिति, चीन और टाइटैनिक जैसी विश्व प्रसिद्ध घटनाओं पर भी प्रकाश डाला। विश्व की प्रमुख घटनाओं को भारतीय अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से वास्तविकता को इंगित किया और यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं के सूत्रधार हमेशा घटनाओं को अंजाम देकर स्वयं को इससे दूर रखते हैं।

इस अवसर पर प्राचार्य मनोज परमार सहित सभी शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सैयद हुसैन दाऊद आबिदी ने किया। दीपक करंजिकर ने छात्रों की शंकाओं का समाधान भी किया। अनुभूति स्कूल की संचालिका श्रीमती निशा जैन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, विश्व के इतिहास में दर्ज 9/11 की घटना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी मिलने से छात्रों के ज्ञान में वृद्धि हुई है। छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अनुभूति स्कूल के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आगे भी संचालित की जाएंगी.


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading