अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष व वर्तमान गहलोत सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिह डोटासरा से उर्दू व अल्पसंख्यक मामलात सम्बन्धित मुद्दों से अनदेखी करने को लेकर खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के युवाओं की सख्त नाराजगी के चलते उनके निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मनगढ की लक्ष्मनगढ व नेछवा पंचायत समिति निदेशक चुनाव में कांग्रेस के लिये काफी भारी पड़ना साबित हुआ।
कांग्रेस के एक क्षत्र राज वाली सीकर जिले की लक्ष्मनगढ पंचायत समिति को तोड़कर अलग अलग लक्ष्मनगढ व नेछवा नामक दो पंचायत समिति के सदस्यों के आज आये चुनाव परिणाम पर नजर डालने पर मुस्लिम युवाओ की स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री के खिलाफ सख्त नाराजगी के चलते कांग्रेस के अपने मुस्लिम उम्मीदवारों को छोड़कर अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करने का सबूत साफ नजर आया। लक्ष्मनगढ पंचायत समिति चुनाव मे कांग्रेस पहली दफा भाजपा से साफ पीछड़ती नजर आई। आज आये परिणाम मे भाजपा के तेराह के मुकाबले कांग्रेस ग्यारह सीट ही जीत पाई। व एक पर भाजपा का बागी जीत गया। इसी तरह नेछवा पंचायत समिति मे कांग्रेस का भाजपा ने कड़ा मुकाबला करते हुये सात सात बराबर सीट जीती एवं एक सीट निर्दलीय ने जीती है।
कांग्रेस के लिये एक तरफा माने जाने वाली लक्ष्मनगढ व नेछवा पंचायत समिति के आज कांग्रेस के लिये आये निराशाजनक परिणामो के पीछे उन मुस्लिम युवाओं का हाथ अधिक माना जा रहा जिन युवाओं ने पीछले महिने शिक्षा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र मे रैली निकाल कर उनके विरुद्ध नारे लगाये। एवं उसके बाद समुदाय मे मंत्री के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो गया था। जिसके फलस्वरूप कांग्रेस अपने ही मजबूत किले मे पिछड़ गई।
कुल मिलाकर यह है कि मुस्लिम समुदाय के मामलों से शिक्षा मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा द्वारा आंखें मूंदने के चलते पंचायत समिति निदेशक चुनाव में मुस्लिम युवाओं द्वारा कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने से भविष्य में कांग्रेस को सबक लेना चाहिए अन्यथा आगामी विधानसभा चुनाव तक डोटासरा के लिये यह नाराजगी राजनीतिक कैंसर का रुप धारण कर सकती है।
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