नागदा चातुर्मास पूर्णाहूति के पूर्व तपस्वियों का हुआ बहुमान | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

नागदा चातुर्मास पूर्णाहूति के पूर्व तपस्वियों का हुआ बहुमान | New India Times

नागदा जैन समाज में तपस्या को कर्म निर्जरा व मुक्ति का उपाय माना गया है। वर्षाकाल में अनेक साधक आत्माएं गुरुभगवन्त के सानिध्य में तपस्या कर अपने कर्मों की निर्जरा करती है वहीं संघ परिवार उन तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए उनका बहुमान करता है।
वर्षावास समापन बोल रही है आत्मा, कर लो अभिनन्दन आभार और क्षमा याचना।

नागदा चातुर्मास पूर्णाहूति के पूर्व तपस्वियों का हुआ बहुमान | New India Times

जानकारी देते हुए संघ के युवाध्यक्ष अभिषेक मोदी, गौरव नाहर ने बताया कि जैनाचार्य उमेश मुनिजी महाराज साहेब के प्रिय शिष्य अणु वत्स पूज्य श्रीसंयत मुनिजी, चन्द्रेशमुनिजी, जयन्तमुनिजी एवं अमृतमुनिजी के नागदा धार के ऐतिहासिक वर्षावास के दौरान मासक्षमण सहित 8 उपवास तक के सभी तपस्या करने वाले तपस्वियों का बहुमान पक्खी आराधना मण्डल एवं अणुवत्स चातुर्मास समिति द्वारा किया गया वही आजीवन अब्रम्हचर्य, जमीकंद व रात्रि भोजन का त्याग करने वाले तपस्वीयों का बहुमान भी संघ द्वारा किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय धर्मदास गण परिषद, धर्मदास युवा संगठन एवं चन्दना श्राविका मण्डल के पदाधिकारियों ने अपना आतिथ्य प्रदान करते हुए तपस्वियों के तप की अनुमोदना करते हुए उनकी सुखसाता पूछी।


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