फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
जिले वासियों को जब जिले में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली तो लोगों को लगा कि जिला अस्पताल की भ्रष्ट व्यवस्था अब पटरी पर लौटेगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ निष्पक्ष जांच रिपोर्ट में भी मयस्सर हो सकेगी। लेकिन सत्ता बदली चेहरे बदले लेकिन नहीं बदली तो मेडिकल कॉलेज के अजब गजब खेल की पद्धति। योगी राज में भी मेडिकल कॉलेज बने जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं उसी पुराने ढर्रे पर चल रही हैं जैसा कि पूर्व की सरकारों में चलती आ रही थीं। यहां भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्थाओं की कल्पना करना ही अपने आप मे एक छलावा है। मिडकल कॉलेज में तब्दील हुए जिला अस्पताल में फर्जी जांच के मामले सामने आते रहते हैं। जिसे खरोंच तक नहीं होती, उसे चाकू का प्रहार लिख दिया जाता है और जिसके चोट का निशान तक नहीं होता उसकी रिपोर्ट में हड्डी टूट जाती है। मेडिकल कॉलेज के रूप में बदले जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष से लेकर एक्स रे रूम तक पूरा जाल फैला है। ऐसे में शनिवार दोपहर जिला अस्पताल के एक्सरे टेक्नीशियन के विरुद्ध फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने व धोखाधड़ी मामले में कोतवाली नगर में गम्भीर धाराओं में दर्ज मुकदमे में वांछित एक्सरे टेक्नीशियन को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना कर दिया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
रेफर सेन्टर बने मेडिकल कॉलेज में मरीजों को समुचित उपचार और दवाएं भले ही न मिल पाती हों लेकिन यहां मेडिकल विधिवत होता है। मेडिकल परीक्षण में पी0एच0सी0 और सी0एच0सी0 पर तो छोटी धारा बन रही हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज में तब्दील हुए जिला अस्पताल में तो मुंह मांगी मुराद पूरी होती है। कोई रेफर कराकर अस्पताल आता है तो कोई से प्राइवेट मेडिकोलीगल कराते हैं। कई बार इस तरह के फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने कब आरोप लगे तो इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। कई मामलों में उच्च स्तरीय जांच भी हुई तो फ़र्ज़ी रिपोर्ट का खेल भी बन्द हो गया। लेकिन मामला शान्त होते ही पुरानी व्यवस्थाएं फिर से बहाल हो गईं और खुला खेल फरुक्खाबादी फिर शुरू हो गया। हल्की सी मारपीट में चीरा लगाकर 324 एक्स रे के लिए रेफर करवाकर 325 बनवा देना यहां के लिये मामूली सी बात है। 308 में तो जो भी पड़ जाए कम है। सूत्रों की माने तो यहां अलग-अलग मेडिकल रिपोर्ट बने के रेट तक निर्धारित हैं। साधारण लाठी डंडे दिखाने के एक से दो हजार, 324 के ढ़ाई से चार हजार और 325 के सात से 15 और उससे भी अधिक पड़ते हैं। जिला अस्पताल में एक्स रे में फर्जी हड्डी टूटी दिखाना पूरी तैयारी से होता है। आलम यह है कि फर्जी डाक्टरी में हाथ या फिर सीने में चोट की शिकायत कर उस एक्स रे के लिए रेफर कराया जाता है। और फिर फ्रैक्चर दिखाकर रुपये वसूले जाते हैं। इसमें भी हाथ के पंजों में अंगुलियों या फिर सीने में किसी पसली में लीनियर फ्रैक्चर दिखा दिया जाता है। यहां एक्सरे कक्ष में निर्धारित अवधि में नहीं, मनमाने तरीके से रिपोर्ट तैयार होती है। सूत्रों की मानें तो यहां रिपोर्ट तैयार करने में पक्षों की प्रतीक्षा की जाती है। इसके लिये बाकायदा दलाल सेट हैं जो मेडिकल कराने के लिए आए लोगों से पूछते हैं कि कुछ कराना है या नहीं और फिर शुरू होता है अजब-गजब खेल। शनिवार को इसी तरह के एक प्रकरण में कोतवाली नगर पुलिस ने रेडियोलॉजी विभाग में तैनात एक्सरे टेक्नीशियन भिखारी सिंह परिहार पुत्र राम बहादुर सिंह परिहार निवासी गोपाल पुर मिसरौलिया थाना गौरा बलरामपुर के विरुद्ध फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने व धोखाधड़ी जैसे गम्भीर धाराओं में दर्ज मुकदमे में अस्पताल चौराहा से मुखबिर खास की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी एक्सरे टेक्नीशियन मुकदमा अपराध संख्या 331/2020 धारा 166ए, 419, 420, 467, 468, 471, 477 व 218 आईपीसी के मुकदमे में वांछित चल रहा था जिसे गिरफ़्तरा कर न्यायलय रवाना किया गया है। जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.