इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
अब तानाशाही का आरोप लगा है पन्ना नेशनल पार्क के अधिकारियों पर जहाँ दर्जनों आदिवासीन ग्रामीणों ने एकता परिषद और अधिकार संगठन के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर संगठन के प्रदेश के अमित भटनागर और सुजात खान मौजूद रहे। दमोह जिले के हटा तहसील के बछामा, उदयपुरा, मदनपुरा, सामरसिंघी, बलोनी, ककरा, सहित 8 गांव के आदिवासियों ने पन्ना नेशनल पार्क के विभाग और पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन प्रबंधन परतानाशाही का आरोप लगाया साथ ही कहा है, हमें अपनी जमीन से बेदखल करने पर आमादा है आदिवासियों का कहना है कि हमारी तीन पीढ़ी से काबिज जमीन पर शासन द्वारा प्राप्त राजस्व की पट्टे वाली जमीन बिना किसी नोटिस या जानकारी के जबरन छीन कर नर्सरी बना रहा है, जो की हम लोगों के जीवन यापन करने का एक मात्र श्रोत्र है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी अपने तानाशाही रवैये पर आमादा है, जब इन आदिवासियों की किसी ने नहीं सुनी तो सामाजिक संगठन एकता परिषद और ग्रामीण अधिकार संगठन ने मिलकर इन आदिवासियों की आवाज़ उठाई। इस मौके पर ग्रामीण अधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित भटनागर और एकता परिषद के प्रदेश समन्वयक सुजात खान की मौजूदगी में दर्जनों वनवासियों के साथ दमोह कलेक्टर को एक सामुहिक ज्ञापन सौंपा गया और जल्द से जल्द निराकरण की मांग की है साथ ही श्री भटनागर ने कहा विभाग और पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन प्रबंधन ना केवल आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है, उनकी आजीविका छीन रहा है बल्कि एक ऐसा दहशत का माहौल बना रहा है जिससे आदिवासी गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं, अमित भटनागर ने पन्ना नेशनल पार्क के तानाशाहीपूर्ण रवैये की निंदा करते हुए, 10 दिन के अंदर आदिवासियों को न्याय न मिलने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी। प्रदर्शन कार्यक्रम में राममिलन गोंड़, शिवरानी गोंड़, सद्दी बाई, गौरा रानी आदिवासी, बाबू आदिवासी सियारानी आदिवासी, सुंदर गोंड़, बलदेव गोंड़, एकता परिषद के सुजात खान, ग्रामीण अधिकार संगठन के भगत राम तिवारी, बहादुर आदिवासी आदि मौजूद रहे।
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