साबिर खान, गुरुग्राम/नई दिल्ली, NIT:
देश में कोरोना वायरस को महामारी बनने से रोकने के लिए पूरा देश लॉकडॉउन है। हरियाणा के कुछ जिलों में इसकी घोषणा पहले ही हो गई थी। साइबर सिटी गुरुग्राम राज्य का महत्वपूर्ण शहर होने के साथ-साथ राजधानी दिल्ली के बिल्कुल नजदीक है। ऐसे में गुरुग्राम वासियों की भूमिका यहां अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। लॉकडॉउन के दौरान गुरुग्राम पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर तैनात नजर अा रही है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी मानवता के लिए दिन-रात एक कर दिया है। कोरोना पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डाॅक्टर, पुलिस और सफाई कर्मचारियों की मेहनत और देश के आम नागरिक की जागरूकता ने जहां एक तरफ इस महामारी से लड़ने की सीख दी है वहीं मीडियाकर्मियों, मेडिकल स्टोर संचालकों, पेट्रोल पम्प-सीएनजी पम्प-एलपीजी गैस संचालकों, राशन व भोजन सप्लायर्स और बैंक कर्मचारियों के कर्तव्य को भी देश सलाम कर रहा है। इसके साथ समाजसेवियों का एक तबका ऐसा भी है जिन्होंने मानव जीवन को बचाने के लिए अपने मदद के हाथ बढ़ाएं हैं। जहां सरकार नहीं पहुंच पाई वहां समाजसेवियों ने पहुंचकर मानवता की नई मिसाल पेश की है। जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने से लेकर मास्क, सेनेटाइजर बांटने और जागरूकता अभियान चलाने वाले समाजसेवियों ने स्वास्थ्य आपातकाल के बीच देशहित में अपना अहम योगदान दिया है।
लॉकडॉउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सामाजिक संगठन अखिल भारतीय भीम सेना ने विशेष अभियान चलाया हुआ है। जैसे ही पूरे देश में लॉकडॉउन की घोषणा हुई वैसे ही भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर अपने भीम सैनिकों के साथ मैदान में उतर गए और लॉकडॉउन से प्रभावित लोगों की मदद की। नवाब सतपाल तंवर ने अपने खांडसा रोड़ कार्यालय को फूड कंट्रोल रूम भी बना दिया है। जहां रोजाना करीब 10 हजार लोगों का भोजन तैयार कराया जाता है और गरीब लोगों, स्लम बस्तियों, झुग्गी-झोपडिय़ों में भिजवाया जाता है। भीम सेना की टीमें पूरे शहर में हर उन गरीब लोगों तक भोजन की व्यवस्था कर रही जहां आज तक सरकार या प्रशासन नहीं पहुंच पाया है।
लॉकडॉउन के बीच भीम सेना का यहां NON STOP लंगर चल रहा है जहां हर गरीब को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। भोजन तैयार करने और गरीबों तक भोजन पहुंचाने के लिए भीम सेना की अलग-अलग टीमें काम कर रही है। मानवता से भरे इस कार्य के लिए खुद भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर भी मैदान में हैं जो लोगों को भोजन बांटते और अपने भीम सैनिकों की दिशा-निर्देश देते साफ देखे जा सकते हैं। लॉकडॉउन के शुरुआती दौर में लोग भोजन की मार झेलते नजर आए। कई-कई दिन से भूखे लोगों को ना सरकार भोजन उपलब्ध करा सकी और ना प्रशासन। ऐसे लोगों की सूचना मिलते ही भीम सेना की टीमों ने वहां पहुंचकर कई-कई दिनों से भूखे लोगों के बीच भोजन उपलब्ध कराया। भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना जरूरतमंद लोगों की दिन-रात मदद कर रहे हैं। तंवर अपनी टीमों के साथ खुद गरीब बस्तियों में जाते हैं और गरीबों को भोजन मुहैया कराते हैं।
गरीब स्लम बस्तियों में भीम सेना ने हजारों लोगों को मुफ्त मास्क और सेनेटाइजर बंटवाने के साथ-साथ अपने वॉलंटियर्स के साथ कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। इस कार्य के लिए स्थानीय पुलिस भी भीम सेना का साथ दे रही है और भोजन उपलब्ध कराने की जगहों पर व्यवस्था बनाने में सहयोग करती दिख रही है। भीम सेना गुरुग्राम के कोने-कोने में अपने भीम सैनिकों के साथ प्रत्येक जरूरतमंद को भोजन उपलब्ध करा रही है। दो समय के खाने में डाल, चावल, रोटी, सब्ज़ी, पूरी और कढ़ी-चावल को प्राथमिकता दी जा रही है। इस दौरान भीम सेना के भीम सैनिक लोगों की और अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखते हैं। चेहरे पर मास्क, सिर पर कवर और हाथों में दस्तानों का प्रयोग किया जाता है। भीम सेना ने ग्रामीण क्षेत्रों और नगर निगम की कॉलोनियों में करीब 20 हजार जरूरतमंद परिवारों को सुखा राशन डाल, चावल और आटा भी उपलब्ध कराया है। अखिल भारतीय भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर का कहना है कि देश का हर नागरिक कोरोना वायरस से लडने के लिए कोशिश कर रहा है। जहां भोजन और राशन की आवश्यकता होगी वहां भीम सेना हर गंभीर परिस्थिति से लड़ते हुए लोगों की मदद कर रही है। तंवर ने कहा कि यदि कोरोना वायरस की वजह से सरकार लॉकडॉउन की समय सीमा बढ़ाती है तो देश के हर गरीब को भोजन की कोई कमी नहीं आने देंगे।
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