जामनेर में धारा 144 के बीच निकाला गया अतिक्रमण, प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल | New India Times

नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जामनेर में धारा 144 के बीच निकाला गया अतिक्रमण, प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल | New India Times

कोरोना वायरस की चपेट मे आ चुकी दुनिया के सभी देशों में दहशत का माहौल है। इटली, चीन को इस वायरस की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। भारत में कोरोना के संक्रमितों की संख्या 400 से ऊपर और मरने वालो की 9 तक पहुच चुकी है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की तादात गंभीर बनती नजर आ रही है। राज्य के सभी जिलों मे 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है। धारा 144 भी लागू कर दी गई है ! मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कल से राज्य मे कर्फ्यू लगाया जा सकता है ! राज्य सरकार स्थिती पर सचेत है हर 2 घंटे बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मीडिया के जरिये जनता से जनसहयोग की अपील करते नजर आ रहे है !किसी भी संक्रामक बीमारी के फैलाव की असली ताकत होती है वह भीड़ जो जरासी बात को लेकर इकट्ठा होने लगती है ! धारा 144 के दौरान राज्य के कई शहरो से नागरिको द्वारा गैरजिम्मेदाराना बर्ताव के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है ! धारा 144 मे भी बिना किसी ठोस वजह के सड़को पर घूमते गैर जिम्मेदार लोग उन लाखो जिंदगियो को खतरे मे डालते है जो घरो मे बैठकर जनता कर्फ्यू का अनुपालन करते हुए सच्चे नागरिक होने की भूमिका निभाते है ! कुछ हरकते प्रशासन से भी हो जाती है जैसा कि आज धारा 144 मे जामनेर मे सड़को से सटा कच्चा अतिक्रमण निकालने के लिए हजारो लोगो का हजूम सड़क पर उतर आया ! करीब 500 से अधिक कच्चे अतिक्रमण धारक निगम से होनेवाली कार्रवाई के डर से अपनी अपनी टिन की टपरिया बटोरने मे जुट गए ! अचानक से हुयी इस हरकत के विषय मे प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नही आयी ! जिलाधिकारी से लेकर तहसीलदार और निगम के मुख्याधिकारी तक किसी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त नही की ! कोरोना जैसे संक्रामक विषाणु के ख़ौफ़जदा प्रकोप को किनारे करते धारा 144 के बीच हजारो लोग अपनी रोजीरोटी का जरिया बचाने के लिए सड़क पर उतर आते है ! लोगो मे इस बेबाक उदारवाद की स्थिती को पैदा करने के लिए प्रशासन के पास कोई ठोस प्रतिक्रिया नही होती ! इससे पहले भी कई बार अतिक्रमण हटाया गया है लोग सड़कों पर उतरे है ! रियायत और अनुरोध के लिए नेताओ की चौखट पर दस्तक दे चुके है ! अब इस मामले मे सड़को पर उतरे उन गरीब ठेला धारको को कानून के चश्मे मे भीड़ और आरोपी की शक्ल मे भी देखा जाएगा जो जब्ती कार्रवाई से बचने के लिए अपनी दुकाने संजोने हेतु मजबूरन अपने घरो के बाहर आए थे ! लेकिन इन सभी लोगो को इतनी भारी तादात मे सड़क पर उतरने के लिए विवश करने वाले प्रशासन को कोई मीडिया पार्टी नही बनाएगा और ना हि कोई सवाल पूछेगा ! वर्तमान स्थिती के मद्देनजर यह सब कुछ कोरोना उन्मूलन के बाद भी किया जा सकता था ! कोरोना के कारण पूरा देश आपात स्थिती से गुजर रहा है ! स्वास्थ चिकित्सको की समीक्षा तथा अनुसंधान के बाद सरकार का उद्देश्य यह है कि कहि भी भीड़ इकट्ठा ना हो ताकी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके ! जरूरी है कि प्रशासन इन बातो को ध्यान मे रखे और जनता के बीच कोरोना के विषय मे जागरूकता बढाए ना कि किसी भी तबके की रोजीरोटी से जुड़े संवेदनशील मामलो को बेवक्त हवा देकर लोगो को मजबुरन सामुहिक रूप से जमा होने की स्थिती पैदा करे।


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