फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
एक ओर जहां जिला प्रशासन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आमजन से घरों से बाहर न निकलने व भीड़ न लगाने की अपील कर रहा है वहीं दूसरी ओर जिले की विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली लगातार जिला प्रशासन की इस मुहिम में पलीता लगाती नजर आ रही है। आलम यह है कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक जनता कर्फ्यू के दौरान आमजन से घरों से बाहर न निकलने की अपील करते हुए कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को समाप्त करने की केंद्र व राज्य सरकारों की मुहिम में सहयोग करने की अपील की है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन विद्युत कर्मचारी पीएम की मुहिम को पलीता लगाते नजर आए। दो दिन पहले ही इस कोरोना वायरस की महामारी के दौरान शहर के गुल्ला वीर कॉलोनी स्थित ब्लॉक नंबर 43 सहित लगभग 40 परिवारों की विद्युत सप्लाई बाधित कर लोगों को जहां घरों से निकलने को मजबूर कर दिया तो वहीं दूसरी ओर मटेरा पावर स्टेशन पर भी धांधली का बड़ा आरोप लगा, आलम यह है कि अवैध वसूली की खबर पर जब जमीनी हकीकत जानने के लिए जब मीडिया कर्मी पावर उप केंद्र मटेरा पहुंचे तो बेलगाम हो चुके निरंकुश विद्युत कर्मी अपनी खामियां छुपाने में इस तरह तल्लीन नजर आए कि उन्होंने पत्रकारों से ही अभद्रता की सारी हदें पार कर दीं। यही नहीं पावर हाउस मटेरा के जिम्मेदार पोस्ट पर तैनात एसडीओ ने पत्रकार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे डाली जिसके बाद जिले के पत्रकारों में रोष व्याप्त हो गया। वहीं दूसरी ओर घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी विद्युत विभाग के आला अधिकारियों ने इस पर अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है ना ही पत्रकारों से अभद्रता व उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने वाले एसडीओ के विरुद्ध ही कोई प्रभावी कार्रवाई की गई है। बताते चलें कि ग्रामीणों ने क्षेत्र में जर्जर तारों के कारण खराब विद्युत व्यवस्था की बात कहते हुए विद्युत विभाग कर्मियों पर अवैध रूप से उगाही कर मनमानी कार्यप्रणाली अख्तियार करने का आरोप लगाया था जिसके बाद पत्रकार ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप की असल हकीकत जानने के लिए मटेरा विद्युत केंद्र पहुंचा था लेकिन इस दौरान अपनी खामियां छुपाते हुए पत्रकार को देखते ही जेई अपनी कुर्सी से नौ दो ग्यारह हो गए जबकि मौजूद एचडी से पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर पत्रकार को ही फर्जी मुकदमे की में फंसाने की धमकी देते हुए उससे अभद्रता शुरू कर दी, वहीं इस घटना के बाद से जिले के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। अब सवाल यह उठता है कि इस तरह से जिले में बेलगाम हो चुके इन विद्युत विभाग कर्मियों पर प्रशासन कार्यवाही करने में अक्षम साबित क्यों हो रहा है। अब देखना यह है कि क्या जिले के जिम्मेदार अधिकारी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कोई ठोस कदम उठाने की जहमत उठाएंगे या फिर अपनी कुंभकरण निद्रा अवस्था में ही तल्लीन रहेंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.