आरोपियों पर कोतवाल मेहरबान: 22 दिन बाद भी तिकुनियां कोतवाली में दर्ज 307 के आरोपियों की नहीं हो पा रही है गिरफ्तारी | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:

आरोपियों पर कोतवाल मेहरबान: 22 दिन बाद भी तिकुनियां कोतवाली में दर्ज 307 के आरोपियों की नहीं हो पा रही है गिरफ्तारी | New India Times

तिकुनियां कोतवाल की मेहरबानी के चलते घटना के 22 दिन बाद भी 307 जैसी संगीन धारा के आरोपियों को गिरफ्तार पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, शायद इसलिए कि तीन आरोपियों में एक आरोपी ग्राम प्रधान है। बताया जाता है कि आरोपी ग्राम प्रधानों पर कोतवाल साहब कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहते हैं। पीड़ित न्याय पाने की आस में दर दर भटक रहा है, पीड़ित पुलिस अधीक्षिका व पुलिस महानिदेशक को भी पत्र भेजकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर चुका है लेकिन अपनी कार्यशैली को लेकर पूर्व में भी काफी चर्चित रह चुके तिकुनियां कोतवाल की आरोपी ग्राम प्रधानों पर कुछ खास मेहरबानी रहती है।

आरोपियों पर कोतवाल मेहरबान: 22 दिन बाद भी तिकुनियां कोतवाली में दर्ज 307 के आरोपियों की नहीं हो पा रही है गिरफ्तारी | New India Times
आरोपियों पर कोतवाल मेहरबान: 22 दिन बाद भी तिकुनियां कोतवाली में दर्ज 307 के आरोपियों की नहीं हो पा रही है गिरफ्तारी | New India Times

पीड़ित लखविंदर सिंह ने बताया कि वह 9 फरवरी को अपने खेत की रखवाली करने गया था वहीं पर पुराना जमीनी विवाद के चलते प्रगट सिंह, साहब सिंह, पप्पू सिंह तथा कुछ अज्ञात लोगों ने मुझे मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया था जिसकी शिकायती पत्र कोतवाली में देने पर कोतवाली पुलिस ने 10 फरवरी को आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 323, 506, 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। मुकदमा दर्ज होने के 22 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की भृष्ट कार्यशैली के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है जिसके चलते आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ित परिवार काफी दहशत में है और न्याय पाने की आस में दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है। नामजद आरोपियों में प्रगट सिंह नाम का आरोपी ग्राम सूरतनगर का मौजूदा प्रधान है। तिकुनियां कोतवाल व सब इंस्पेक्टर नासिर कुरेशी पूर्व में भी आगजनी के आरोपी ग्राम प्रधान जगदीप सिंह उर्फ जग्गा के साथ विदेश की सैर करते एक वीडियो में देखे गए थे जिस पर पुलिस अधीक्षिका के द्वारा मामले की जांच क्षेत्राधिकारी निघासन को सौंपी गई थी। अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस आरोपियों संग इसी तरह का खेल खेलकर पीड़ितों को न्याय दिलाएगी? तिकुनियां पुलिस का अपराधियों संग ऐसा रवैया देखकर लोगों का पुलिस पर से भरोसा ही उठता जा रहा है। पीड़ित ने पुलिस अधिक्षिका व पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर अपने व अपने परिवार को आरोपियों से जान-माल का खतरा बताते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी किये जाने की मांग की है।


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