रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
भ्रष्टाचार वैसे तो पूरे भारत की जड़े खोखली कर रहा है
एवं सरकारी स्तर पर इसे रोकना भी मुमकिन नहीं है चाहे कई अन्ना हजारे पैदा हो जाएं फिर भी भ्रष्टाचार रोकना संभव नहीं है। कुछ इस प्रकार भ्रष्टाचार का खेल शिक्षा के मंदिरों के पुजारी बनाम शिक्षक खेल रहे हैं। ताजा मामला झाबुआ जिले में सामने आया है। झाबुआ जिला के तलावली हाई स्कूल में फर्जी बिल लगाकर फर्नीचर की राशी हड़प ली गई है।
वर्ष 2018 -19 में तत्कालीन विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा शासकीय हाई स्कूल तलावली को विद्यालयीन फर्नीचर खरीदने के लिए एक लाख रुपए राशि जारी की थी। उस दौरान स्कूल प्रबंधन ने दिव्या फर्नीचर मार्ट झाबुआ के नाम के फर्जी बिलों का भुगतान करने के लिए जनपद पंचायत को स्वीकृति दे दी। फर्नीचर राशी का भुगतान करने के बाद भी विद्यालय में अब तक फर्नीचर नहीं पहुंचा।
जिला योजना एवं सांख्यि की कार्यालय से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की तकनीकी स्वीकृति 26 जुलाई 2018 को दी थी, इसमें माध्यमिक विद्यालय संदला हाई स्कूल तलावली, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रातीतलाई, उत्कृष्ट विद्यालय राणापुर, कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राणापुर इन विद्यालयों में एक -एक लाख रुपए के फर्नीचर खरीदने के लिए जनपद पंचायत को आदेश दिया। इस आदेश पर तलावली हाई स्कूल में 8 अगस्त 2018 को दिव्या फर्नीचर मार्ट के बिल में 20 हजार 4 सौ रुपए कीमत की चार अलमारी, पांच हजार एक सौ रूपये प्रतिनग कीमत, 14 हजार 6 सौ रुपए कीमत की दो ऑफिस टेबल, 7300 रुपए प्रतिनग, 24 हजार 750 रुपए के 15 नग टेबल एवं बेंच सेट 1650 रुपए प्रतिनग, 15000 रुपए कीमत, 15 कुशन चेयर, हजार रुपए प्रति नग एवं दस हजार कीमत की 20 सोलो चेयर 500 रुपए प्रतिनग के हिसाब से खरीदी, जिसकी कीमत 84 हजार 750 थी। बिल में 9 प्रतिशत के हिसाब से 76 27 रुपए सीजीएसटी जोड़कर कुल एक लाख पांच रूपये कीमत का फर्नीचर खऱीदा। 29 अगस्त 2018 को जनपद पंचायत झाबुआ द्वारा अकाउंट नंबर 05030 100 003 8 20 में एपीओ 127437 से बिल 742 से एक लाख पांच रुपए का पेमेंट किया गया।
सभी पर हो कड़ी कार्रवाई
शिक्षा समिति सदस्य होने के नाते पता चला की स्कूल में विधायक निधि द्वारा खरीदे गए फर्नीचर में गबन हुआ है तो जनपद से बिल भुगतान की कॉपी प्राप्त की जिससे मामले का खुलासा हुआ। शिक्षक- सप्लायर पर कार्रवाई होना चाहिए: मनसुख भूरिया, तलावली हाई स्कूल शिक्षा समिति सदस्य।
फर्जी बिल देखे व फर्नीचर स्कूल में नहीं
विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं है।
कई सालों से फर्नीचर की मांग की जा रही थी।
विधायक निधि से फर्नीचर खरीदी फर्जी बिल देखे और फर्नीचर नहीं दिखाई दिया तो सहायक आयुक्त को शिकायत की है: जितेंद्र सिंह सोलंकी, प्राचार्य।
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