शारिफ अंसारी, भिवंडी/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए सीएए तथा एनआरसी के विरोध में पूरे देश मे जहां जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है वहीं पर एमआईएम भिवंडी शहर अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 19 दिसंबर को जनहित याचिका दायर किया है जिसका क्रमांक 46131/19 है।सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में एमआईएम भिवंडी शहर अध्यक्ष खालिद गुड्डू के वकील के एन रॉय ने सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट सेक्शन बी /(1)2 में कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आए हुए सिक्ख, हिंदू, बौद्धिस्ट, ईसाई, पारसी, जैन जो 30 दिसंबर 2014 से पहले हिंदुस्तान में दाखिल हुए हैं उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। यह कानून आईपीसी के धारा 41 व 12 के तहत सरासर खिलाफ है जो किसी भी भारतीय को मजहब के नाम पर फर्क करने का हक नहीं देता है।वकील के माध्यम से एमआईएम भिवंडी शहर अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने अपनी रहनुमा एजुकेशन एंड वेल्फेयर सोसायटी के माध्यम से यह याचिका दाखिल किया है।सुप्रीम कोर्ट में सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ अब तक कुल 95 याचिका दायर हो चुकी हैं जिसमें से भिवंडी के खालिद गुड्डू ने भिवंडी को राज्यस्तर पर अपने द्वारा दायर याचिका के कारण अलग पहचान दी है।
केंद्रीय हुकूमत के तानाशाही रवैय्ये के बारे में पूछे जाने पर एमआईएम भिवंडी शहर अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने बताया कि सारे देश मे इंडियन कानून की बुनियादी ढांचों पर यकीन रखने वाली सेकुलर जनता उक्त कानून के खिलाफ की जा रही बंटवारे के विरोध में आवाज उठा रही है लेकिन यह आवाज सड़क के साथ विधायिका, न्यायपालिका सहित देश के चारों पालिकाओं में एक साथ उठना चाहिए ताकि बंटवारे की राजनीति करने वाले तानाशाह अपने मकसद में कमियाब न हो सकें। इसके साथ ही एमआईएम भिवंडी शहर अध्यक्ष खालिद गुड्डू आगामी 23 दिसंबर को कोटरगेट मस्जिद से आनंद दिघे चौक तक कैंडल मार्च करेंगे जिसमें हजारों की संख्या में लोगों की उपस्थित रहने की आशा व्यक्त की है।
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