पीयूष मिश्रा, ब्यूरो चीफ, सिवनी (मप्र), NIT:
पुलिस का चोरों पर किसी तरह का बस नहीं रह गया है। आलम यह है कि चोरों के द्वारा घंसौर अनुभाग की अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सुश्री श्रृद्धा सोनकर की सर्विस रिवॉल्वर पार कर ली गयी है। घंसौर के नगर निरीक्षक इस तरह की घटना से इंकार कर रहे हैं पर जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस मामले में जाँच की बात कही गयी है।
घंसौर पुलिस सूत्रों ने बताया कि 17 एवं 18 मई की दरमियानी रात में घंसौर थाने से महज आधा किलोमीटर दूर स्थित मॉडल कॉलोनी में चोरों ने तीन घरों में वारदात को अंजाम दिया था। इसमें नल ऑपरेटर तीरथ मरावी के घर से चोरों ने दो हजार रूपये एवं पीजीटी निधि धूपिया के निवास से लगभग एक लाख रूपये के सामान पर हाथ साफ कर दिया था।
सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान इस कॉलोनी में निवास करने वाली अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्रृद्धा सोनकर के निवास का ताला भी चोरों के द्वारा तोड़ा गया था। इसमें श्रृद्धा सोनकर की सर्विस रिवॉल्वर एवं कुछ जिन्दा कारतूस भी चोरों के द्वारा उठाकर ले जाये गये थे।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में तहसील की प्रभारी अधिकारी के द्वारा पुलिस में चोरी की रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं करायी गयी, यह शोध का ही विषय माना जा रहा है। 18 मई की घटना के लगभग दस दिन बाद भी इस मामले में पुलिस के द्वारा घटना को छुपाने का प्रयास ही किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि घंसौर में लगभग डेढ़ माह में विभिन्न स्थानों पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा चोरी की वारदातें हो चुकी हैं। पुलिस इन मामलों में अभी तक खाली हाथ ही है। इस मामले में घंसौर थाना प्रभारी से जब जानकारी चाही गयी तो उन्होंने साफ तौर पर इंकार किया कि किसी अधिकारी के घर बीते एक माह में किसी तरह की चोरी की कोई घटना हुई है।
घंसौर में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार इस मामले में पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा भी एसडीओपी को जमकर फटकार लगायी गयी थी। घटना के बाद एफएसएल की टीम और डाग स्क्वाड भी मौके पर पहुँचा था। कुल मिलाकर चोरियों की घटनाओं में आरोपियों को पकड़ने में नाकाम घंसौर पुलिस के द्वारा इस तरह की कवायद की जा रही है कि यह मामला उजागर न हो पाये। चर्चाओं के अनुसार जब पुलिस के अधिकारियों के निवास ही चोरों से महफूज नहीं रह गये हैं तो बाकी की कौन कहे!
घंसौर एसडीओपी श्रृद्धा सोनकर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनके पास इस तरह की वारदात के तीन चार फोन आ चुके हैं। इस तरह की कोई घटना घटी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी के द्वारा इस तरह की अफवाह उड़ायी जा रही है।
वहीं चर्चा के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने कहा कि लगभग दस बारह दिनों पहले एसडीओपी घंसौर के निवास पर चोरी की घटना घटी थी। इस मामले में जाँच की जा रही है। जबकि चोरी जैसे मामलों में घंसौर पुलिस को आज तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है जिसके चलते चोरों के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे है जबकि जानकर सूत्र बताते है घंसौर थाने में सब कुछ ठीक नही चल रहा है चोरी के साथ साथ जुआ और सटोरियों के हौसले भी बुलंदी को छूते दिख रहे हैं। जबकि सूत्र बताते है कि पुलिस स्टाफ के ही कुछ लोगों द्वारा जुआ सट्टा और शराब माफियाओं को संरक्षण दिया ज रहा है। सूत्र बताते है की घर के भेदी ही लंका ढाने का काम कर रहे है जबकि जिस तरह पुलिस गस्ती को लेकर लोगों द्वारा तरह तरह के सवाल किये ज रहे जबकि पूरे मामले में स्टाफ के जबाज एक दूसरे की टांग खिंचते देख रहे है कुछ दिनों पहले लखनादौन रोड पर बने टी सी आई एल कम्पनि के टोल प्लाजा में पॉवर प्लांट के ओबर लौड कैप्सूल की बसूली को लेकर पुलिस के दो जवानों मनीष पटवा और कुरेसी को भी एक दूसरे से हतपाई करते भी देखा गया था जिससे यह अंदाजा तो लगाया जा सकता है कि पुलिस स्टाफ के जबानों के बिच कितने अच्छे मधुर संबंध है जबकि लगातार विगत दिनों से घंसौर में सट्टे की खबर से चर्चाओं का भी दौर भी बाजार गर्म करते दिख रहा है जबकि सटोरिया घसीटा शिवहरे जोकि आज भी अपने अवैध काम को खुला अंजाम देने में लगा है जिसकी खबर घंसौर पुलिस को शायद नही है और होगी भी कैसे मोटी रकाम जब बसूली भाई के हांथ लगती है तो बसूली भाई सब भूल जाते है जबकि बाजरो में चर्चाओ का दौर चल पड़ा है कि अवैध सट्टा और जुआ से आने बाली रकाम में एस डी ओ पी को भी 70000 हजार दिया जाता है ऐसा हम नही कह रहे है यह तो घंसौर टी आई के चहेते मनीष पटवा द्वारा सटोरियों से कहा जा रहा है अब क्या सच और क्या झूट यह तो भगवान ही जाने पर जबकि बताया जाता है कि बसूली भाई को लखनवाड़ा थाने से इन्ही कार्यनामो के चक्कर मे भगाया गया था लेकिन अब बसूली भाई घंसौर थाने में अपना हुनर दिखाने से भी नही चूक रहे है बताया तो यह भी जाता है कि बसूली भाई का तबादला हरिजन थाना सिवनी हो चुका है पर घंसौर थाने की मलाई से बसूली भाई का मोह नही छूट पा रहा है इनकी कार्यप्रणाली के चर्चे यही नही थमते बताया जाता है कि बसूली भाई जहाँ भी रहे है बसूली भाई के नाम से जाने जाते रहे है नाम से ही जाने जाते है चाहे बात की जाए कोतवाली की या बात की जाए बंडोल थाने की जबकि अब अपना हुनर घंसौर थाने दिखा रहे है जब ऐसे घर के भेदी घंसौर थाने में रहेंगे तो क्षेत्र कैसे महफूज़ रहेगा साहब आगे अब पूरे मामले में देखना यह बाकी है कि जिले में बैठे पुलिस अधीक्षक घंसौर थाने की गतिविधियों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही करेंगें या महज खाना पूर्ति कर मामले से इतिश्री कर लेंगे ।
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