अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सीनियर विज्ञान के परीक्षा परिणाम आज जारी होने के बाद राजस्थान भर से मुस्लिम बेटियों के अच्छे नम्बरों से पास होने के मिल रहे समाचारों के बाद लगता है कि अब अगले पांच-आठ साल में मुस्लिम गलर्स ऐजुकेशन का स्तर काफी ऊंचा व बदलाव वाला नजर आने वाला है।
राजस्थान में बडी तादात में मुस्लिम बेटियों ने सीनियर विज्ञान कक्षा के परीक्षा परिणाम में नब्बे या नब्बे से अधिक प्रतिशत अंक पाकर समाज में जारी महिला शिक्षा के अवरोध को तोड़ कर आने वाली पीढी को आगे बढने के लिये आला दर्जे की तालीम पाने की राह दिखाई है। उदाहरण के तौर पर आज आये परिणाम में कुछ मुस्लिम बेटियों में डीडवाना तहसील के छोटी बेरी गावं निवासी सीमरन बानो ने 96.80 प्रतिशत, तो सुजानगढ़ की ही दूसरी सीमरन बानो ने 94.20 प्रतिशत, डीडवाना के दाऊदसर गावं की खुशबू खान के 92.80, सीकर के धोद तहसील के गूनाठू गावं की हीना बानो के 92.00 प्रतिशत, नसीराबाद की उजमा ने 90.20 प्रतिशत व सुजानगढ़ की असमा बानो ने 89.20 प्रतिशत अंक पाकर बेटियों का मान बढाया है।
राजस्थान के सीकर जिले में आज से पैंतीस साल पहले ऐक्सीलैंस गलर्स स्कूल कायम करके अंग्रेजी माध्यम से बेटियों को मुफ्त तालीम देने का पूख्ता इंतजाम करने वाले वाहिद चौहन ने प्रदेश में अच्छे अंकों से पास होने वाली बेटियों को मुबारकबाद देते हुये कहा है कि उक्त तरह के रिजल्ट आने से उनके काॅलेजे को काफी ठण्डक व मस्तिष्क को खूराक पहुंचती है। इसी तरह डाॅ. परवीन कायमखानी का कहना है कि मुस्लिम समाज अगर अब भी शिद्दत के साथ बेटियों को अच्छी व आला दर्जे की शिक्षा दिलाने का प्रण लें तो बेटियां तालीम के क्षेत्र में अपना एक मुकाम बनाकर मिल्लत व देश की खिदमत में अहम किरदार अदा करने को तैयार हैं।
हालांकि राजस्थान की मुस्लिम बेटियों ने इससे पहले भारतीय व राजस्थान स्तर की सिविल सेवा परीक्षा, आर्मी , ऐयरफोर्स व नेवी मे डायरेक्ट अधिकारी का ओहदा भी पाया है। राजस्थान न्यायीक सेवा परीक्षा में भी एक ठीक ठीक तादाद मे बेटीयाँ परीक्षा पास करके सेवा मे आ रही है। इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग व टिचर्स के क्षेत्र मे अच्छी तादाद मे आना जारी है।
कुल मिलाकर यह है कि आज सीनियर कक्षा के आये परीक्षा परीणाम में बेटियो के अच्छे नम्बरों से पास करने पर मुस्लिम समाज को गलर्स ऐजुकेशन को आम करने मे आने वाले सभी अवरोधकों को तोड़ते हुये हर शख्स को कम से कम अपने परीवार की बेटियों के आला तालीम हासिल करने के लिये संघंर्षशील होने का तय करते हुये बेटियों को हर तरह के अवसर उपलब्ध कराने पर कार्ययोजना पर अमल करने का तय कर ही लेना ही होगा।
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