बागियों की बगावत से बिगड़ रहा चुनावी गणित: भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार कलसिंह भाबर व कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार वीरसिंग भूरिया ने शुक्रवार को दाखिल किया नामांकन पत्र | New India Times

रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ झाबुआ (मप्र), NIT:

बागियों की बगावत से बिगड़ रहा चुनावी गणित: भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार कलसिंह भाबर व कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार वीरसिंग भूरिया ने शुक्रवार को दाखिल किया नामांकन पत्र | New India Times

झाबुआ जिले के थांदला विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार वीरसिंग भूरिया, भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार कलसिंह भाबर ने अपने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल कर अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन तो कर दिया है लेकिन जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा यह तो आने समय ही बताएगा। यहां दोनों ही प्रत्याशी काफी वजनदार व लोकप्रिय होने के साथ-साथ अपने अपने क्षेत्र में मतदाताओं से सीधे संपर्क में भी हैं तो दूसरी ओर दोनों ही पार्टी के बागी बगावत पर उतारू हो कर इनका चुनावी गणित बिगाड़ रहे हैं।

बागियों की बगावत से बिगड़ रहा चुनावी गणित: भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार कलसिंह भाबर व कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार वीरसिंग भूरिया ने शुक्रवार को दाखिल किया नामांकन पत्र | New India Times

शुक्रवार को भी अनेक निर्दलियों ने हजारों की तादाद में अपने अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल कर मतदाताओ को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जागरूक मतदाताओं का दबी जुबान में कहना है कि सभी तो अपने हैं और हर उम्मीदवार के साथ यही भीड़ तो देखी जा रही है फिर भी जो प्रत्याशी उम्मीदवार साफ छवि का होगा उसे ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। चर्चाओं पर अगर यकीन करें तो चर्चाएं तो यहां तक है कि निर्दलीय ने पार्टी प्रत्याशियों से भी अधिक भीड़ इकट्ठा कर अग्रिम जीत का सेहरा अपने सर बांध लिया है फिर भी कयास लगाए जा रहे हैं और चर्चाएं भी हैं कि फार्म खींचने के समय यह सब सेलेंडर हो जाएंगे और अपने फॉर्म वापस ले लेंगे।

बागियों की बगावत से बिगड़ रहा चुनावी गणित: भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार कलसिंह भाबर व कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार वीरसिंग भूरिया ने शुक्रवार को दाखिल किया नामांकन पत्र | New India Times

बागियों की बगावत को शांत करने के लिए पार्टी के बड़े-बड़े ओहोदे वाले बागियों को मनाने के लिए लगातार संपर्क में हैं। कुछ बागियों का यहां तक कहना है कि पूर्व में भी पार्टियों के खिलाफ लोगों ने बगावत की है, बगावत करने के साथ-साथ निर्दलीय चुनाव भी लड़े हैं। पार्टी आलाकमान व पार्टी पदाधिकारियों ने बगावत करने पर उनका कुछ नहीं बिगड़ा तो हमारा क्या बिगाड़ लेंगे? बागीयो का कहना है खेलेंगे नहीं तो खेल बिगाडेंगे, इसीलिए हम भी चुनावी मैदान में हैं।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading