अवैध गठजोड़: खनन माफियाओं के इशारे पर नांच रहे खनन अधिकारी, वेतन सरकार से और वफादारी खननमाफिओं की??? | New India Times
वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
अवैध गठजोड़: खनन माफियाओं के इशारे पर नांच रहे खनन अधिकारी, वेतन सरकार से और वफादारी खननमाफिओं की??? | New India Times

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिला में खाकी खादी गठजोड़ सिर चढ़कर बोल रहा है। इस गठजोड़ के चलते सरकारी आदेश महज मखौल बनकर रह गए हैं। इसी गठजोड़ के चलते क्षेत्र में अवैध सफेद रेत का काला कारोबार जोरों पर चल रहा है। आज कल कोतवाली क्षेत्र मे दिन- रात जेसीबी से धरती का सीना छलनी करते खननमाफिओं को देखा जा सकता है। ऐसा लगता है जैसे जिले में कानून का राज खत्म हो कर अपराधियों व खननमाफिओ का राज कायम हो गया है। पता नहीं क्यों प्रशासन सब कुछ जानने के बाद भी इन अवैध गोरखधन्धे पर लगाम लगा पाने में अपने को अछम पा रहा है। डीएम खीरी से एमआई व एस.डी.एम. से थाना प्रभारी तक को दर्जनों बार शिकायतें व सूचना दिये जाने के बाद भी इस अवैध कारोबार पर लगाम न लग पाना, प्रशासन की भ्रष्ट कार्यशैली की ओर इशारा करता है।

अवैध गठजोड़: खनन माफियाओं के इशारे पर नांच रहे खनन अधिकारी, वेतन सरकार से और वफादारी खननमाफिओं की??? | New India Timesबताते चलें कि गुरुवार को भी शाम लगभग 6 बजे से थाना फूलबेहड़ क्षेत्र के ग्राम लौकिहा के मजरा खानशाहपुरवा में जेसीबी दृारा अवैध बालू का खनन कार्य शुरू हुआ जिसकी जानकारी मीडिया टीम को मिली। मीडिया टीम द्वारा जब इस काले कारोबार की जानकारी खनन अधिकारी सुखेन्द्र सिंह को देने का प्रयास किया गया तो पहले कई कालों के बाद फोन नही उठाया और जब नये नम्बर से काल की गई तो खनन अधिकारी ने फोन उठाया और कहा गाड़ी तैयार है, खाना खा लिया है, ड्राइवर के आते ही मौके पर चल रहा हूं, कहकर फोन काट दिया और सीधे खननमाफिया पिंकी सक्सेना व अन्य लोगों को मौके से हट जाने की खबर दे दी। मीडिया टीम को इसकी भनक उस समय लग गई जब खनन अधिकारी हड़बड़ाहट में संवाददाता के फोन खननमाफिया का नम्बर समझ कर काल कर बैठे और कहा पिंकी सक्सेना बोल रहे हैं लेकिन संवाददाता के नाम बताते ही फोन काट दिया और आनन-फानन में जाकर थाना फूलबेहड़ मे बैठ गये। एक घन्टे तक बैठने के बाद खनन स्थल पर गये जहा पर ताजा खनन साफ दिखाई पड़ रहा था। इतना ही नहीं 5 ट्रैक्टर ट्रॉली बालू भरे सड़क के किनारे चौकीदार कामता प्रसाद के दरवाजे पर खड़े थे वो भी खनन अधिकारी को शायद दिखाई नही दिये। कुल मिलाकर अपने चहेते खनन माफियाओं को संजीवनी देने की नियत से कोरम पूरा करके साहब चलते बने। वही खादीदारी माननीय अपनी ही सरकार की किरकिरी करने मे लगे हैं।


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