विश्व बैंक ने भारत में लागू जीएसटी को लेकर उठाए कई गंभीर सवाल  | New India Times

Edited by Shilpa Shukla, नई दिल्ली, NIT; ​विश्व बैंक ने भारत में लागू जीएसटी को लेकर उठाए कई गंभीर सवाल  | New India Timesविश्व बैंक ने भारत में लागू नई कर प्रणाली जीएसटी को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक ने इसे काफी जटिल बताया है,  इसके साथ ही कहा है कि भारत में लागू टैक्स स्लैब 115 देशों में दूसरा सबसे ज्यादा है।

विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उसने उन देशों के टैक्स रेट और स्लैब की तुलना की है, जहां जीएसटी लागू है। इस रिपोर्ट में कुल 115 ऐसे देश शामिल किए गए हैं जहां जीएसटी लागू है।​
विश्व बैंक ने भारत में लागू जीएसटी को लेकर उठाए कई गंभीर सवाल  | New India Times

विदित रहे कि मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया था। भारत में लागू जीएसटी में 5 टैक्स स्लैब हैं। इसमें 0, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18% और 28 फीसदी है जबकि कुछ उत्पाद जीएसटी से बाहर हैं।

पेट्रोल और डीजल समेत कई उत्पादों को फिल्हाल जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, वहीं सोने पर 3 फीसदी का टैक्स रेट लगता है। जिन चीजों को जीएसटी के बाहर रखा गया है, उन पर पहले की कर व्यवस्था के हिसाब से ही टैक्स लगता है।

ज्यादा हैं टैक्स स्लैब

भारत में जहां 5 टैक्स स्लैब हैं. वहीं, दुनियाभर के 49 देशों में एक ही जीएसटी रेट है।  रिपोर्ट के मुताबिक 28 देशों में 2 टैक्स स्लैब इस्तेमाल किए जाते हैं।  वहीं, भारत समेत 5 ऐसे देश हैं, जहां 4 टैक्स टैक्स स्लैब प्रभावी हैं। 4 और इससे ज्यादा जीएसटी टैक्स स्लैब लागू करने वाले देशों में इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी टैक्स स्लैब को 5 से घटाकर 2 ही स्लैब रखने का सुझाव दिया है। उन्होंने संकेत दिया था कि जीएसटी टैक्स स्लैब्स को 12 फीसदी और 18 फीसदी ही रखा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि जैसे ही कर पारदर्शिता और इससे हासिल होने वाले राजस्व में स्थिरता आ जाएगी, वैसे ही इसको लेकर विचार किया जाएगा।

रिफंड को लेकर भी विश्व बैंक ने उठाए सवाल

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी लागू होने के शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतें पेश आई थीं 

विश्व बैंक ने जीएसटी बाद रिफंड की रफ्तार धीमी होने को लेकर भी चिंता जताई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रिफंड फंसने से इसका सीधा असर कारोबारियों की पूंजी पर पड़ता है। इसकी वजह से उनका कारोबार प्रभावित होता है।

कम हों टैक्स स्लैब

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी को लागू करने के लिए किए गए खर्च को लेकर भी सवाल उठाया है. वैश्विक वित्तीय संस्था ने अपनी रिपोर्ट  में भविष्य में इसमें जरूरी बदलाव करने का सुझाव दिया है और उम्मीद जताई है कि आगे जाकर इसमें सकारात्मक बदलाव होंगे। रिपोर्ट में टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और जीएसटी प्रक्रिया को आसान व सरल बनाने का सुझाव दिया गया है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading