राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देश की सुरक्षा का जिम्मा जिन मजबूत कंधों पर है उनकी संजीदगी और कर्तव्य निष्ठा सदा से ही समाज का आदर्श रहा है। देश और समाज पर जब भी संकट आता है तब सेना के जवान ही ढाल बनकर हमारी रक्षा करते हैं। हम बात कर रहे हैं भारतीय थल सेना के एक ऐसे जवान की जो अवकाश लेकर गांव आया और कोराना वायरस के खिलाफ मोर्चे पर जुट गया। ग्रामीणों की सुरक्षा और जागरूकता के साथ वह गांव में घूमकर निगरानी करता है साथ ही ग्रामीणों के उपचार के साथ लॉकडाउन का पालन भी कराता है। ग्रामीण युवकों के लिए रोल मॉडल बन चुका
यह जवान प्रशासन के लिए मददगार और समाज का सच्चा हीरो साबित हो रहा है।
मध्यप्रदेश के सागर जिले के देवरी ब्लाक का छोटा सा ग्राम कठौतिया कोराना संकट में अन्य ग्रामों को जागरूकता का संदेश दे रहा है। इस ग्राम में नियमित लॉकडाउन की पहरेदारी भी होती है और ग्रामीणों की आवाजाही की निगरानी भी की जाती है। टारगेट सिर्फ यह है कि गांव मे कोराना वायरस का प्रवेश न हो। देवरी क्षेत्र के दूरस्थ पिछड़े ग्रामों में शुमार इस ग्राम में बदलाव की वजह बना है एकययुवक देवेन्द्र वासुदेव जो थल सेना में जवान है। राजपूताना रायफल्स का लांसनायक देवेन्द्र बीकानेर में पदस्थ है जो पिछले 18 मार्च को अवकाश पर अपने घर आया था बाद में कोराना संकट को लेकर लॉकडाउन लागू हुआ और उसने अपने परिवेश को
सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया। जागरूकता ही बचाव है नारे के साथ उसने अपने ग्रामवासियों को जागरूक करना शुरू किया और आज इस मुहिम में लगभग पूरा गांव उसके साथ है। उसकी हिदायत का असर है कि ग्रामीण गांव से बाहर नहीं जाते हैं और सोशल डिस्टेंस का पालन भी करते हैं। सुबह से लेकर शाम तक वह अपने
सहयोगियों के साथ कई बार गांव का भ्रमण करता है एवं गांव में आने जाने वालों की निगरानी करता है। कोराना जंग का बिगुल फूंक चुके इस जवान का कहना है कि
सभी को जागरूक किया जाना जरूरी है। उसने बताया कि भारतीय सेना में सीनियर अधिकारियों से मिले प्रशिक्षण में उसे बताया गया है कि सरहद के साथ समाज को सुरक्षित रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। इसी कारण उसने अपने गांव को सुरक्षित करने के लिए ग्रामीणों को कोरोना के संबंध में जानकारी दी, आज गांव के अधिकांश लोग बचाव के लिए मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं। जवान देवेन्द्र ने बताया कि लगभग 800 की आबादी वाले उसके ग्राम में सभी वासुदेव समाज के व्यक्ति है जिसमें से अधिकांश लोग कृषि एवं मजदूरी का कार्य करते हैं कुछ ग्रामीण भिक्षावृत्ति कर उदर पोषण
करते हैं। गांव में शिक्षा के कारण आई जागरूकता के कारण उसके परिवार के 4 सदस्य सेना में कार्यरत है। गांव के अन्य 3 व्यक्ति भी सरकारी सेवाओं में हैं। उसका कहना है कि यदि ग्रामों के सभी पढ़े लिखे व्यक्ति आगे आकर परिवेश को जागरूक बनायेंगे तो कोराना को हम आसानी से हरा देंगे।
स्थानीय प्रशासन ने की जवान की हौसला अफजाई
एक जवान द्वारा कोरोना के खिलाफ मोर्चा खोले जाने की जानकारी जब स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस को हुई तो तहसीलदार देवरी कुलदीप पारासर एवं थाना प्रभारी आरएस ठाकुर ने गांव पहुँचकर उसकी हौसला अफजाई की एवं उसके साथ गांव में मार्च कर ग्रामीणों से लॉक-डाउन का पालन करने की अपील की।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जागरूकता एवं लॉकडाउन ही अहम हथियार है। यदि हर गांव में पढ़ा लिखा वर्ग अपने आसपास के व्यक्तियों को जागरूक बनाना आरंभ कर दे तो हमें
इस संकट से शीघ्र ही निजात मिल जायेगी।
हर मौसम में प्राणों की परवाह किये बिना सरहदों की रक्षा करने वाले जवानों के बलिदान के कारण ही देश सुरक्षित है। सामाजिक क्षेत्र में बदलाव के लिए नवाचार का संदेश दे रहे इस जवान ने एक अनोखी मिसाल पेश की है जो क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य कर रही है।
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