गोपाल किरण समाज सेवी संस्था एवं बाल अधिकार फोरम द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत कार्यशाला, मानव श्रृंखला एवं रूबेला पर कार्यक्रम संपन्न | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ ग्वालियर (मप्र), NIT:

गोपाल किरण समाज सेवी संस्था एवं बाल अधिकार फोरम द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत कार्यशाला, मानव श्रृंखला एवं रूबेला पर कार्यक्रम संपन्न | New India Timesगोपाल किरण समाज सेवी संस्था एवं जिला बाल अधिकार फोरम के तत्त्वाधान में राष्ट्रीय मतदाता दिवस राष्ट्रीय बालिका सप्ताह का आयोजन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रेलवे कॉलोनी, तानसेन मार्ग,ग्वालियर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि DIG श्री अशोक गोयल जी थे। उन्होंने बच्चियों को आत्मसुरक्षा के उपायों को बताया यह भी बताया प्रशासन और पुलिस बच्चियों की किस प्रकार मदद करते हैं।लड़कियों के आगे न बढ़ने के कारण यह भी है कि अक्सर घरों में कहा जाता है कि अगर लड़की है, तो उन्हें घर संभालने और अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल करने की अधिक ज़रूरत है। इस प्रकार की बातें उसके सुधार की राह में बाधाएँ बनती हैं। इन्हीं सब स्थितियों और भेदभावों को मिटाने के मक़सद से ‘बालिका दिवस’ मनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसे बालिकाओं की अपनी पहचान न उभर पाने के पीछे छिपे असली कारणों को सामने लाने के रूप में मनाने की जरुरत है, जो सामाजिक धारणा को समझने के साथ-साथ बालिकाओं को बहन, बेटी, पत्नी या माँ के दायरों से बाहर निकालने और उन्हें सामाजिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने में मदद के तौर पर जाना जाए।

गोपाल किरण समाज सेवी संस्था एवं बाल अधिकार फोरम द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत कार्यशाला, मानव श्रृंखला एवं रूबेला पर कार्यक्रम संपन्न | New India Timesभेदभाव समाज में आज भी बालक और बालिकाओं में भेदभाव किया जा रहा है। यही कारण है कि बालिकाओं को जन्म लेने से पहले (भ्रूण) ही खत्म करवाया जा रहा है। सभी को मिलकर इस कुरीति को मिटाना है। बाल विवाह, भ्रूण हत्या, शिशु मृत्यु दर रोके जाने, स्तनपान कराने, नियमित टीकाकरण, दहेज प्रथा एवं अन्य सामाजिक ज्वलंत विषयों में सुधार लाना चाहिए।

डॉ अंजनी जलज जी ने रूबेला, मीजल्स और मम्स आदि बीमारियों से सुरक्षा के उपाय बताये।
15 जनवरी से मीजल्स (खसरा) और रुबेला रोग के उन्मूलन के लिए पूरे प्रदेश में 9 माह से 15 वर्ष तक के (कक्षा 10 तक) बच्चों के टीकाकरण का अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि सभी आँगनवाड़ी केंद्रों, निजी और शासकीय स्कूलो में निःशुल्क टीके लगाए जा रहे हैंध। ये इंजेक्शन सीधे बाज़ू में (right hand) चमड़ी में ही लगेगा, ना कि दूसरे इंजेक्शन की तरह नस या गहरे मसल्स में।इसलिए बाक़ी इंजेक्शन की तुलना बहुत ही हल्का सा दर्द होगा। कई अभिभावक बच्चों को इंजेक्शन लगवाने से डरते है। मेरी सभी से अपील है कि बच्चों को इन घातक बीमारियों से बचाने के लिए ये टीका ज़रूर लगवाए। सभी समाज सेवियों/संगठनो/दानदाताओ/देशप्रेमियों से भी अनुरोध है कि इस अभियान में किसी भी नज़दीकी सरकारी या निजी स्कूल में अपना योगदान दीजिए। आपका योगदान बच्चों और उनके अभिभावकों को इंजेक्शन लगवाने के लिए प्रेरित करने से लेकर इंजेक्शन लगवाने वालों बच्चों कोई छोटा सा उपहार जैसे टोफ़ी या पेन देने के रूप में भी हो सकता है।
श्रीमती भावना दोहरे जी ने बताया शिक्षा के कारण ही हमारे अंदर आत्मविश्वास आता है और आत्मविश्वास से हम किसी को भी हरा सकते है साथ ही पढ़ाई करने का तरीका बताया।

जहाँआरा जी ने लैंगिक शिक्षा की जानकारी बच्चियों को दी।

प्रिती जोशी जी ने बच्चियों को आत्मसुरक्षा की कुछ एक्टिविज़ करके दिखाया।

एडवोकेट रीना दोहरे ने छात्राओं को कानूनी जानकारी दी।और तथ्आतंक एवं भ्रामक जानकारी के बचाव के बारे में बताया।

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श्रीप्रकाश सिंह निमराजे जी ने राष्टयी मतदाता दिवस पर अपने विचार प्रकृत करते हुए कहा कि भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है।भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी ‘भारत निर्वाचन आयोग’ की होती है। ‘भारत निर्वाचन आयोग’ का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुआ था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन जरूरी था इसलिए 25 जनवरी 1950 को ‘भारत निर्वाचन आयोग’ गठन हुआ।भारत सरकार ने वर्ष 2011 से हर चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस ’25 जनवरी’ को ही ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की थी और 2011 से ही हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामजिक संथाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे कि देश की राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का हर वर्ष आयोजन सभी भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन लोगों को यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना जरूरी है। भारत के प्रत्येक नागरिक का मतदान प्रक्रिया में भागीदारी जरूरी है, क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकारें बदल देता है। हम सबका एक वोट ही पलभर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए और ऐसी सरकारें या प्रतिनिधि चुनने के लिए करना चाहिए, जो कि देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सकें।
भारत देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है इसलिए देश के प्रत्येक चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए और ऐसी सरकारें चुननी चाहिए, जो कि सांप्रदायिकता और जातिवाद से ऊपर उठकर देश के विकास के बारे में सोचें। जिस दिन देश का युवा जाग जाएगा, उस दिन देश से जातिवाद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिक भेदभाव खत्म हो जाएगा। ये सिर्फ और सिर्फ हो सकता है हम सबके मतदान करने से।25 जनवरी को भारत के प्रत्येक नागरिक को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए शपथ लेनी चाहिए कि वे देश की स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखेंगे और प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा आधार पर प्रभावित हुए बिना निर्भीक होकर मतदान करेंगे। ऐसी शपथें हर वर्ष 25 जनवरी को लाखों लोग लेते हैं।लेकिन फिर भी इस शपथ पर अमल बहुत कम होता है, क्योंकि आज भी लोग सांप्रदायिक, जातिवाद और भाषायी आधार पर वोट देते हैं। इससे अनेक अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी देश की संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधि चुनकर चले जाते हैं। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को सांप्रदायिक और जातीय आधार से ऊपर उठकर एक साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति के लिए अपने मत का प्रयोग करना चाहिए।

गोपाल किरण समाज सेवी संस्था एवं बाल अधिकार फोरम द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत कार्यशाला, मानव श्रृंखला एवं रूबेला पर कार्यक्रम संपन्न | New India Timesराष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने हेतु मतदान के लिए जागरूक करना है। हमारे लोकतंत्र को विश्व में इतना मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं के साथ-साथ भारत देश के निर्वाचन आयोग का भी अहम् योगदान है। हमारे निर्वाचन आयोग की वजह से ही देश में निष्पक्ष चुनाव हो पाते हैं।आज ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के दिन देश के प्रत्येक मतदाता को अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करप्राचार्या महोदया ने छात्राओं के लिए प्रशासन के सहयोग के लिए कहा,जिसकी सहमति DIG श्री अशोक गोयलजी द्वारा दी गई।अंत में मानव श्रखला बना कर लोगो को जागरूक किया गया कार्यक्रम में प्राचार्य रीना दुवे सहित सभी स्टाफ के सदस्य उपस्थित हुए कार्यक्रम के बारे में श्री मखीजा चतुर्भुbज जी ने संस्था की जानकारी दी ।कार्यक्रम संचालन कविता रायजादा ने किया।


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