वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT;
गांवों के विकास के सरकार द्वारा चाहे जो दावे किए जा रहे हों पर हकीकत में जमीन पर योजनाएं पूरी तरह फेल नजर आ रही हैं। यहीं हाल उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी की कोतवाली क्षेत्र सुथना बरसौला के उप गांव तिकुनियां टायर चौराहे से बगिया मोहल्ले क़ो जाने वाली मुख्य सड़क एवं टायर चौराहे से शुरू होकर नयागांव सहनखेड़ा, खमरिया ,रमुआ पुर ,चक्करपुर, सिधौना मुर्तिहा जैसे दर्जनों गांवों को जोड़ती है वहां का हाल देखते ही बनता है, जहां वहां के व्यापारियों के व्यापार पर इसका असर देखने को मिल रहा हैं। सरकार हर साल बारिश का मौसम शुरू होने से पहले गांवों की नालियों की सफाई व मरम्म्त के लिए पंचायतीराज विभाग के माध्यम से निर्देश जारी करती है। लेकिन इसका पालन महज कागजी होता है। नतीजतन बारिश के मौसम में गांव की सड़कों पर चलना बेहद दुश्वारियों भरा हो जाता है। जिम्मेदारों की बेरूखी लोगों को यह कहने पर मजबूर करती है कि योजनाएं हमारे लिए नहीं बनतीं हैं। यहां रास्ते में उच्च.प्राथमिक विद्यालय को जाने वाले छात्रों को भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जल निकासी की व्यवस्था न किए जाने से लगभग 300 मीटर की दूरी में जलभराव व कीचड़ से स्कूली बच्चों व राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति साल के बारहो महीने बनी रहती है स्कूली बच्चे व ग्रामीण गंदगी व जलभराव के बीच से गुजरने को मजबूर हैं। सड़क पर बने गड्ढें में दर्जन भर से अधिक बाइक व साइकिल सवार गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।अभिभावकों को हर वक्त स्कूल जाने वाले अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है। जलभराव में मच्छरों के पनपने से बीमारियों के फैलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके बावजूद यहां का सुध लेने वाला कोई नहीं है। प्रधान जी इन रास्तों से अंजान बने हुए हैं।
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