जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
मस्जिदों में लाउड स्पीकर के माध्यम से होने वाली अजान का विधी द्वारा निर्धारित ध्वनि तीव्रता के अनुपालन करने के लिये न्यायालय में याचिका क्र. न. WP/15805/2024 दिनांक 30/05/2024 दायर की गई है। आजाद नगर स्थित समस्त मस्जिदों के मैनेजिंग कमेटी की ओर ये यह अभ्यावेदन निम्नानुसार प्रस्तुत किया जा रहा है..
महोेदय राज्य शासन के निर्देशानुसार हम समस्त सदस्यगण लाउडस्पीकर के माध्यम से मस्जिदों से जो अजान दी जा रही है उसका विस्तार माननीय सर्वोच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार एवं राज्य शासन द्वारा पारित पत्र क्रंमाक 44-02/2015/दो/सी-1 का नियमित रुप से पालन किया जा रहा है एवं राज्यशासन द्वारा पारित निर्देश एवं सर्वोच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित घ्वनि विस्तार सीमा का पालन भविष्य में भी किया जाता रहेगा। मानीनय सर्वोच्चतम न्यायालय एवं राज्य शासन द्वारा जो ध्वनि विस्तान निर्धारित की गई है वह दिन में 55 डी बी व रात्री में 45 डीबी है जिसका पालन समस्त मस्जिदों के प्रबंधकों के द्वारा किया जा रहा है। यह अभ्यावेदन हम सब आजाद नगर मस्जिद के प्रबंधक सदस्य स्पष्टिकरण हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत कर रहे हैं। यदि किसी भी मस्जिद में जो विधि अनुसार निर्धारित ध्वनि तीव्रता का उपयोग कर रहे है के विरुद्ध मस्जिद में उपयोग की जाने वाली लाउडस्पीकर के उपयोग को बाधित किया जाता है तो अभ्यावेदन के माध्यम से विधिक कार्यवाहि हेतु स्वतंत्र रहेंगे। शहर में रहने वाले सभी मस्जिद कमेटी के सदस्यगण द्वारा दिन में 55 डी बी व रात्री में 45 डीबी है। जिसका पालन समस्त मस्जिदों के प्रबंधकों के द्वारा किया जा रहा है। तो इस समस्या का निदान करने के लिये कोर्ट के आदेश अनुसार हुसैनी मस्जिद के सदर अल्लाहनुर अब्बासी द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है। रिट पिटिशन एडव्होकेट शेख अलीम एवं एडव्होकेट इम्तियाज एहमद, एडव्होकेट आलिया शेख द्वारा लगाई गई। जनहित याचिका का क्रमांक WP/15805/2024 है । हमारा देश गंगा, यमुना तहजीब और धार्मिक आस्थाओं वाला देश है 100 सालों से चली आ रही है परम्परा को जारी रखते हुये यहां मंदिरों में भजन एवं मस्जिदों में अजान की जाती है। पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिर एवं मस्जिदों के ऊपर लगायें गये लाउडस्पीकर एवं माइकों को खडे़ रहकर उतारा जा रहा है जो कि सुप्रीम कोर्ट का उल्लघन है। यदि ऐसा किया जाता है तो सभी देशवासियों के लोंगों की धार्मिक आस्थाओं पर आघात होगा।
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