फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते घाघरा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं बैराजों से करीब चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद महसी, मिहींपुरवा और नानपारा तहसीलों के 200 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रभावित इलाकों के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एसडीएम और तहसीलदारों ने नानपारा और महसी क्षेत्र के 70 गांवों को खाली करने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदारों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लेखपालों को बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में लगाया गया है। संभावित बाढ़ के भीषण खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों ने सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है । ज्ञात हो कि जनपद बहराइच के गोपिया बैराज और गिरजापुरी बैराजों से 3 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे घाघरा के कछार क्षेत्र में बसे दर्जनों गांवों में पानी घुसने की संभावना है। घाघरा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है । घाघरा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन की ओर से 70 गांव में अलर्ट जारी किया है। तहसील प्रशासन के निर्देश पर लेखपाल गांवों में जाकर गांवों को खाली करने की मुनादी करवा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा ने बताया कि बांसी तहसील क्षेत्र के शारदा सिंह पुरवा एरिया इंटर कॉलेज में बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं, जहां बाढ़ प्रभावित लोगों सुरक्षित पहुंचाया जाएगा। वहां पर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने और रहने के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। वहीं महसी तहसील क्षेत्र के कायमपुर, गोलागंज, भौंरी, सिपहिया हुलास, बौंडी, चरीगाह, पिपरा, पिपरी, गोलागंज नईबस्ती, बरुआ कोड़र, बकैना, चुरईपुरवा, पासिनपुरवा, पुरबियनपुरवा, मल्लाहनपुरवा, तूलापुर, जरमापुर, कोठार, रानीबाग, छत्तरपुरवा, सरसठ बेटौरा, प्रह्लादपुरवा, तारापुरवा, मथुरापुरवा समेत 70 गांवों को खाली करने का निर्देश दे दिया गया है । इन गांवों की लगभग 30 हजार से अधिक की आबादी को बाढ़ शरणालयों पर सुरक्षित पहुंचाने के लिए लेखपालों और ग्राम विकास अधिकारियों को लगाया गया है। आमजन से अपील है कि कृपया सतर्क रहें और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जायें ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बच सकें।
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