Edited by Atish Dipanker, नई दिल्ली, NIT; राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (5 अगस्त, 2018) को हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरी पीढ़ी के दौर में आईआईटी का रूप काफी महत्वपूर्ण है कि आईआईटी हैदराबाद आईआईटी के अतीत के साथ-साथ पुराने मॉडल से भी काफी सीखा है। 1950 और 1960 के दशक में स्थितियां अलग-अलग थीं। भारत बदल गया है। प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के कई आयाम विकसित हुए हैं। हमारी आकांक्षाएं अब तक भारी औद्योगिक के आधार तक ही सीमित नहीं हैं जिन्हें हमने छह दशकों पहले बनाया था। इसके बजाय, आईआईटी हैदराबाद को चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए प्रासंगिक माना जा रहा है जो 21 वीं शताब्दी में नई इबादत लिखेंगे। मुझे यह जानकर अपार खुशी हुई कि इस संस्थान में उद्यमिता के लिए अनुसंधान और प्रचार केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करके एक नई शुरुआत की है।राष्ट्रपति ने कहा कि सीखने के सर्वोत्तम वैज्ञानिक विश्वविद्यालय और संस्थान न सिर्फ सीखाने की दुकानें हैं और न ही डिग्री पाने के कारखाने ही हैं। ये प्रौद्योगिकी आधारित खोज और प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप के मुख्य स्रोत हैं। विज्ञान, अकादमिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वाणिज्यिक अनुप्रयोगों और निजी उद्यमों में सार्वजनिक निवेश के क्षेत्रों में जादुई क्षमता है।जाहिर है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण अमेरिका का सिलिकॉन वैली है। सिलिकॉन वैली के मूल में बुनियादी विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिसरों और उनके प्रतिभाशाली संकाय और छात्र हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, हैदराबाद शहर और महानगर क्षेत्र में स्थापित किया गया है जहां इस तरह के एक पारिस्थितिक तंत्र के सभी तत्व मौजूद हैं। हैदराबाद में वैज्ञानिक खोज करने की पुरानी परंपरा है।उन्होंने कहा कि हैदराबाद शहर में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के 19 अनुसंधान केन्द्र और प्रयोगशालाएं हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अकेले इनमें से कई संस्थाएं उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।लेकिन इन्हें और भी मिलकर आगे करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत जीवनशैली से आईआईटी हैदराबाद एक नया मील का पत्थर साबित होगा और यह न केवल खुद के लिए बल्कि पूरे हैदराबाद एवं देश में ज्ञान के नये केन्द्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा।
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