शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; भिवंडी शहर के विकास के लिए शासन द्वारा चौदहवां वित्त आयोग के माध्यम से 13 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई गयी है। शासन द्वारा प्राप्त इस आर्थिक सहायता से सर्व प्रथम शहर के विविध क्षेत्र में खराब हुई सड़कें, कचरे का निर्मूलन, गटर नालों की दुरुस्ती सहित अन्य विकास कार्य को प्राथमिकता से किया जाएगा। उक्त जानकारी भिवंडी मनपा आयुक्त डॉ.योगेश म्हसे ने पत्रकारों से बातचीत में दी है।मनपा आयुक्त डॉ. म्हसे ने बताया कि विगत तीन महीनों से शहर के ब्राह्मण आली, बाजार पेठ, तीन बत्ती, क्वाटर गेट, अशोक नगर, निजामपुर, भंडारी कंपाउंड, बाबला कंपाउंड, कल्याण रोड, शांति नगर, अजंता कंपाउंड, पद्मा नगर, गायत्री नगर, नागाँव, धामनकर नाका आदि क्षेत्र की मुख्य सड़कें बेहद खराब हो गयीं हैं जिसके कारण शहर में ट्रैफिक की समस्या होने के साथ – साथ सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। खराब सडकों के विरोध में नागरिकों तथा रिक्शा चालक सगंठन ने मनपा के विरुद्ध आन्दोलन करने के साथ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। आयुक्त ने बताया कि नागरिक समस्या व शिकायतों को लेकर मनपा प्रशासन ने भिवंडी मनपा की खराब आर्थिक स्थिती का हवाला देते हुए शहर के विकास हेतु केंद्र व राज्य सरकार से आर्थिक निधि उपलब्ध कराने की लिखित मांग की थी। जिसके अनुसार शासन ने शहर के विविध विकास काम हेतु चौदहवां वित्त आयोग के माध्यम से भिवंडी के विकास के लिए 13 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान आयुक्त ने मंशा जाहिर की है कि आचारसंहिता के ख़त्म होते ही खराब सडकों की मरम्मत तथा डाम्बरीकरण का काम शुरू किया जाएगा। नाली व गटरों की मरम्मत के साथ खुले चैम्बर पर ढक्कन लगाने के साथ नयी कचरा कुंडी तथा सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हैण्ड ग्लव्स, गमबूट, मास्क आदि सामान के खरीदी का काम शुरू हो गया है। साफ़ – सफाई के कार्य पर जोर देते हुए आयुक्त ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे पहले अधिकारियों पर मनपा प्रशासन का नियंत्रण जैसा होना चाहिए वैसा नहीं रह गया था। प्रशासन का काम पटरी से उतर सा गया है, जिसके लिए कर्मचारियों पर अनुशासन को कड़ाई से लागू करना जरूरी है, साथ ही सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती हुए कर्मचारी कई वर्षों से अन्य खातों में कुर्सी पर बैठकर बाबूगीरी करते रहे हैं। ऐसे 176 कर्मचारियों को फिर से सफाई के काम के लिए उनके विभाग में वापस लाया गया है। शहर की सफाई के लिए 2400 सफाई कामगारों का 170 गुट तैयार कर प्रत्येक सफाई कर्मचारी को एक निश्चित क्षेत्र सफाई के लिए तय किया गया है। मनपा आयुक्त ने आशा व्यक्त की है कि उक्त योजना से शहर की सडकों, नाली और गटरों की मरम्मत तथा साफ़ सफाई के कार्य में तेजी से सुधार आएगा। आनेवाले कुछ महीनों में शहर की कायापलट होती दिखाई पड़ने लगेगी।
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