मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
जल संरक्षण और भूजल संचालन की भू-गर्भीय तकनीक पर कार्यरत बुरहानपुर का खूनी भंडारा या कुंडी भंडारा (नेहरे खेरे जारिया) विश्व प्रसिद्ध है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के सतत् प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर के कुंडी भंडारे (नेहरे खेरे जारिया) को यूनेस्को विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थायी सूची में शामिल किया कर लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भी बुरहानपुर के कुंडी भंडारे सहित मध्यप्रदेश की 6 धरोहरों को यूनेस्को की सूची में सम्मिलित करने पर बधाई देते हुए कहा कि हमारे लिए गर्व और सम्मान का विषय है।
बुरहानपुर विधायक एवं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी ने कहा कि बुरहानपुर के कुंडी भंडारे (नेहरे खेरे जारिया) को विश्वस्तरीय पहचान मिली है। सभी बुरहानपुर वासियों को ढेर सारी बधाई। यह हमारे बुरहानपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है। 2006-07 से लेकर अब तक हम इसके लिए सतत प्रयासरत रहे हैं। यूनेस्को विश्व हेरिटेज सेंटर से लगातार संपर्क और संवाद कर जो तकनीकी दिक्कतें थीं उसे दूर किया गया। 2013 में यूनेस्को की टीम ने बुरहानपुर का दौरा कर स्थल निरीक्षण किया था किंतु वहां एप्रोचेबल रोड नहीं होने की वजह से तब हम इसे विश्व धरोहरों की अस्थायी सूची में सम्मिलित नहीं करवा सके किंतु अब वहां पहुंचने के लिए आरओबी बनने की वजह से यह संभव हो सका है। यूनेस्को विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थायी सूची में मध्यप्रदेश की 6 संपत्तियों को शामिल किया गया है। इसमें कुंडी भंडारा (नेहरे खेरे जारिया) भी सम्मिलित है। यदि भविष्य में किसी संपत्ति को नामांकित किया जाना है, तो विश्व धरोहर सूची में अंकित करने हेतु अस्थायी सूची में जोड़ना अनिवार्य होता है।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि विगत वर्षों में हमारे सामुहिक प्रयासों से बुरहानपुर में पर्यटन की दृष्टि से विकास कार्यों की नींव रखी गई है और अब हमारे कुंडी भंडारे (नेहरे खेरे जारिया) को इस सूची में स्थान मिलने से निश्चित ही हमारा बुरहानपुर अब वैश्विक पर्यटन नक्शे पर आएगा और यहां देशी-विदेशी पर्यटक हमारी सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होंगे। मैं सभी बुरहानपुर वासियों को शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं। हम सबके सामुहिक प्रयासों से हमारे शहर को वैश्विक मंच पर पहचान मिल रही है। निश्चित ही यह हमारे गौरवशाली इतिहास को जागृत करने वाला क्षण है। श्रीमती चिटनिस ने सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा। जिसमें पूर्व महापौर अतुल पटेल के कार्यकाल में इस दल ने निरीक्षण किया था। वह भी लगातार प्रयासरत थे।
कर्नाटक में हुआ था प्रेजेंटेशन
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि भारत सहित विश्व के 19 देशों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देश में विद्यमान प्राचीन, ऐतिहासिक नहरों से जल प्रदाय अर्थात आंतरिक जल वितरण पद्धति पर प्रेजेंटेशन देने के साथ भारत में भी कर्नाटक के बीदर शहर में यूनेस्कों की टीम के समक्ष बुरहानपुर की टीम ने अक्टूबर 2017 में प्रेजेंटेशन दिया था। बुरहानपुर से भेजे हुए दल होशंग हवलदार एवं इंजीनियर सुधीर पारेख ने यूनेस्को एवं सहयोगी संगठनों के टीम के सामने बुरहानपुर के जीवित जल प्रणाली ’’कुंडी भंडारा’’ के बारे में तथ्य प्रस्तुत किए थे। तकनीकी एवं ऐतिहासिक पहलुओं के साथ-साथ यूनेस्कों द्वारा पूर्व में बुरहानपुर के प्रवास के दौरान प्राप्त तथ्यों पर विचार करते हुए बुरहानपुर का चयन की प्राथमिक प्रक्रिया में शामिल किया गया था।
अर्चना चिटनिस वर्ष 2006-07 से सतत् प्रयासरत
विदित हो कि श्रीमती चिटनिस विगत 2006-07 से सतत् रूप से बुरहानपुर को विश्व पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए प्रयासरत् हैं। वर्ष 2013 में यूनेस्को का एक दल उनके प्रयास से ही बुरहानपुर आकर यहां के ऐतिहासिक धरोहरों की पड़ताल करके जा चुका है। जल-संरक्षण और जल परिवहन की भू-गर्भीय तकनीक पर कार्यरत बुरहानपुर के कुंडी भंडारा (नेहरे खेरे जारिया) को भी यूनेस्को विश्व धरोहर श्रेणी में शामिल किए जाने हेतु वर्ष 2017 में आवश्यक प्रस्ताव भारत शासन को भेजा गया था। इसके बाद साथ ही वर्ष खुनी भंडारे (नेहरे खेरे जारिया) सहित कुओं, बावड़ियों के संरक्षण व सुधार हेतु मध्यप्रदेश शासन के उपक्रम एप्को के माध्यम से भारत सरकार से 5 करोड़ रूपए की मंजूरी दिलाई गई थी।
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