नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
22 जनवरी को राष्ट्र हित में एक महान काम होने जा रहा है, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन और समापन से पहले भाजपा ने स्वच्छ भारत अभियान को फिर से शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के 70 तहसील पानी की कमी से जूझ रहे है मुख्यमंत्री और उनके नामधारी मंत्री हाथ मे वॉटर कैनन पकड़कर हजारों लीटर पानी बर्बाद कर सीमेंट की सड़के धो रहे हैं। पार्टी के प्रचार और मोदी जी कि लोकप्रियता के लिए जितने भी फंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं उनमें आम आदमी कहीं नज़र नहीं आ रहा है। हमने स्वच्छ भारत अभियान पार्ट 1 के समय पाठकों को मंत्रियों के गृह जिलों का हाल बताया था। केंदीय शहरी मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आंकलित स्वच्छ सर्वे 2023 के नतीजों से जामनेर नगर परिषद बाहर कर दी गई है।
जलगांव जिले के 14 निकायों को खुले में शौच (Open defecation free) से मुक्त शहर घोषित किया गया है। रैंकिंग में + जोड़कर सफल सुरंगी ड्रेनेज सिस्टम का गौरव किया गया है। भाजपा नेता गिरीश महाजन के जामनेर में सालों से सैकड़ों टन कचरा खुले में जलाया जा रहा है। दो करोड़ की लागत से निर्मित घन कचरा प्रकल्प की मशीनें जंग खा रही है। ड्रेनेज सिस्टम प्लान निजी कंपनी चला रही है उसको अभी तक नगर परिषद को हैंड ओवर नहीं कराया गया है। स्वच्छ भारत फेज 1 में जितने भी सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं सब का निर्माण पूरी तरह से बोगस है। परिवारवाद और पूंजीवाद की आपसी राजनीती ने सरकारी तिज़ोरी को हजारो करोड़ रूपयो की चपत लगाई है। रईसी का इतना गुमान की कमसिन बच्चों ने करोड़ों रूपयों की अचल संपत्तियां खरीद ली है। जलगाव महानगर पालिका क्षेत्र में हालत बेहद गंभीर है। सारा शहर रोज़ धूल मिट्टी में नहा रहा है। यहां के नागरिक फेफड़ों की बिमारी का शिकार हो रहे हैं। आप अमलनेर या तो जलगाव ग्रामीण चले जाइए स्वच्छता को लेकर कोई ठिकाना नहीं है। मंत्रियों के निवासी शहरों में रहने वाले नागरिक यह आशा करते हैं कि भले हि आनेवाले 10/20 साल में कारखाने ना लगे रोज़गार ना मिले पर उनका अपना शहर विकास के बुनियादी ढांचे से परिपूर्ण हो।
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