पाचोरा बना गुटखा तस्करी का केंद्र, क्यों नहीं हो रही है फूड एंड ड्रग की ओर से कार्रवाई | New India Times

नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

पाचोरा बना गुटखा तस्करी का केंद्र, क्यों नहीं हो रही है फूड एंड ड्रग की ओर से कार्रवाई | New India Times

महाराष्ट्र में गुटखा बैन हुए सालों बीत जाने के बाद भी फूड एंड ड्रग विभाग के आशिर्वाद से गुटखे का मार्केट नए नए शहरों की शकलों में सामने आ रहा है. कल तक शेंदुर्नी से यह धंदा चलाया जा रहा था अब सूत्रों के हवाले से यह पता चल रहा है कि पाचोरा शहर से किसी गनी नामक शख्स द्वारा गोली बिस्किट दुकान की आड़ में गुटखे का होलसेल कारोबार किया जा रहा है. पाचोरा से पिकअप वैन के जरिये गुटखा माल शेंदुर्नी सोयगांव सिल्लोड जालना जामनेर मुक्ताईनगर समेत अन्य शहरो मे पहुँचाया जाता है जहां नियुक्त कमीशन एजेंट इस माल को ग्रामीण इलाकों में रवाना करते हैं. तालाबंदी के साल भर में तो इस बिजनस ने इतना मुनाफा कमाया की कमीशन एजेंट्स ने 50 लाख रुपयों तक के आलीशान बंगले बना लिए. सड़ी हुई सुपारी कत्था चुना एसिड कांच का पावडर मिलाकर बनाए जाने वाले गुटखे की कोई वैज्ञानिक प्रमाणिकता नहीं है. गुटखा प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग ठीक केमिकल शराब निर्माण के जैसे किया जाता है,

औषधि प्रशासन की चुप्पी क्यों?

फूड एंड ड्रग विभाग के अधीन आने वाले इस विषय में संबंधित विभाग की ओर से कमाल की चुप्पी साधी जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से उजागर हो रहे कालाबाजारी और अवैध उत्पाद की जानकारी होने के बावजूद भी कार्रवाई के नाम पर कोई ऐक्शन नहीं है. कहीं F&D भी कमीशन एजेंट की भूमिका में तो नहीं है? रही बात पुलिस की ओर से किसी कार्रवाई की उम्मीद की तो अतीत में ऐसी छापेमारियां कुछेक जगह की जा चुकी है.

बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज

जहरीले गुटखे के सेवन से मुह के कैंसर के मरीजों के मामले सामने आ रहे हैं. कइ मरीजों के मुंबई के टाटा और औरंगाबाद के सरकारी घाटी अस्पताल में कैंसर के आपरेशन तक हो चुके हैं. ये बात अलहदा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा गुटखा निर्मिति और तस्करी को लेकर ठाकरे सरकार से लडझगड़ने के बजाये कैंसर मुक्त महाराष्ट्र के नाम से जांच शिविर आयोजित कर पार्टी प्रचार में जुटी है.


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