नरेंद्र इंगले, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
सर्विस टू रूरल पीपल इज सर्विस टू गॉड यानी ग्रामीण जनों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, स्वास्थ विभाग द्वारा परिवार नियोजन मुहिम के लिए अर्पित इस स्लोगन को पढ़ते हुए आम आदमी को काफी गौरव महसूस होता होगा होना भी चाहिए क्यो की कोरोना के संकट मे सरकारी स्वास्थ महकमे की सेवा ने सैकड़ो कोरोना पोसिटिव मरीजो की जान बचाई. कोरोना के कारण स्वास्थ विभाग की अन्य मेडिकल सेवाओ की पूर्ती बाधित हो गई थी जिसके चलते विभिन्न योजनाए लक्ष्यपूर्ति तक नही पहुच सकी. जैसा कि हर साल 3188 परिवार नियोजन के ऑपरेशन होने थे मात्र 134 ही हो सके. आशा थी कि 1274 तक ऑपरेशन होगे. इसी फर्क को पाटने के लिए स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है. सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन के आपरेशन आरंभ कर दिए गए है. तहसिल स्वास्थ अधिकारी डॉ राजेश सोनावणे ने बताया कि पहुर ग्रामीण अस्पताल में लेक्रोस्कोपी से परिवार नियोजन आपरेशन किए जाएंगे . उपजिला अस्पताल मे डॉ जयश्री पाटील, डॉ प्रशांत महाजन जरूरतमंद माताओ का परिवार नियोजन आपरेशन करवाएंगे. अब आम आदमी को परिवार नियोजन के लिए निजी अस्पतालो में 12 से 15 हजार रुपयो तक का खर्च उठाना नही पड़ेगा. कोरोना काल मे डॉ प्रशांत महाजन ने मात्र 100 रुपये मानदेय लेकर फत्तेपुर, वाकडी, गारखेड़ा इन गांवों में 43 परिवार नियोजन के ऑपेरशन किए.
सिविल में लगाया गया प्लांट
कोरोना की तिसरी लहर का मुकाबला करने के लिए उपजिला अस्पताल मे 50 लाख रुपया खर्च कर Oxyzen plant सेट किया गया है. जानकारी के मुताबिक जिला नियोजन समिति के फंड से लगाए गए इस प्लांट के बजाये अगर Oxygen Consantrator उपलब्ध करवा दिए जाते तो ICU के 100 बेड के लिए 15 लाख रूपये मे प्रॉपर संसाधन मुहैया किया जा सकता और जनता के टैक्स से जमा पैसो की भी बचत हो जाती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ नेताओं और अधिकरियों की जेब भरने के लिए Oxyzen प्लांट पर जोर दिया गया.
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