वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
वैश्विक कोरोना महामारी के चलते भारत-नेपाल सीमा करीब आठ महीने से सील है लेकिन सीमा पर अवैध तस्करी का काम जोरों पर चल है। नेपालियों को सीमा सील होने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सीमा से सटे गांवों के तस्कर रोजाना तस्करी कर रहे हैं।
गेंहू व दलहनी की बुआई का समय चल रहा है ऐसे में भारतीय किसानों की फसलें खाद की किल्लत की वजह से बर्बाद हो रही हैं जबकि नेपाल के किसानों की फसलों को भरपूर खाद मिल रहा है जिससे उनकी फसलें लहलहा रही हैं। सबसे बड़ा सवाल कृषि विभाग पर खड़ा हो रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में नेपाल खाद तस्करी की जा रही है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर तमाशबीन बने हुए हैं जबकि किसान खाद के लिए परेशान घूम रहा है। वहीं तस्कर रातों-रात खाद की तस्करी कर नेपाल पहुंचा रहे हैं।
इन जगहों से नेपाल पहुंचाई जाती है खाद और नेपाल से लाई जाती है चाइनीज मटर
इंडो नेपाल के बॉर्डर से भारी मात्रा में चाइनीज मटर और खाद की जमकर तस्करी की जाती है। यह वह रास्ते हैं जो तस्करों के लिए बिल्कुल भी महफूज हैं, संपूर्ण नगर थाने के बाजार घाट, राघव पुरी, चार नंबर, कंबोज नगर, टाटर गंज। गौरीफंटा व चंदन चौकी थाने के सार भूसी, ध्यानपुर, सोनहा, जयनगर, मसानखम्ब, देवरही, नझोटा, टननपुर, कुटिया कवर, ढकिया, सूंडा, सरिया पारा, सरियापरा, बनकटी, कजरिया आदि जगहों से बड़ी मात्र में तस्करी को अंजाम दिया जाता है।
आपको ले चलते हैं भारतीय किसानों के पास जहां भारतीय किसान लाइन में लगकर खाद नहीं पा रहे हैं और नेपाली क्रेताओं व तस्करों के हाथों खाद की कालाबजारी कर ली जा रही है। जिससे किसान खाद के लिए परेशान होकर भटक रहे हैं और कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मलाई काटने में व्यस्त हैं।
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