हिमांशु सक्सेना, ग्वालियर (मप्र), NIT:
कोरोना महामारी की वजह से 7 महीने से रद्द चल रही 114 साल पुरानी ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेज ट्रेन अब कभी नहीं चलेगी। रेलवे ने सिंधिया रियासत में शुरू हुई इस ट्रेन को खत्म करने के लिए ग्वालियर से श्योपुर के बीच अर्थवर्क, ब्रिज और पुराने नैरोगेज ट्रैक को डिस्मेंटल करने का टेंडर जारी कर दिया है। टुकड़ों में बनाए गए इस प्रोजेक्ट का अंतिम टेंडर सबलगढ़ से सिलपुर के बीच 207 करोड़ रुपए और सिलपुर से श्योपुर के बीच 300 करोड़ रुपए का जारी किया है। 3 नवंबर तक कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। रेलवे ने इस काम के लिए 24 महीने यानी दो साल की डेडलाइन तय की है। रेलवे नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में तब्दील करने पर 2912.96 करोड़ रुपए खर्च करेगा। नई लाइन से श्योपुर से कोटा भी जोड़ा जुड़ेगा। श्योपुर से कोटा की दूरी 96.46 किमी है। इस कार्य के लिए रेल मंत्रालय ने मार्च में 100 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की थी।
अगले 4 साल तक रेल आवागमन रहेगा बंद
रेलवे ने ग्वालियर – श्योपुर नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने के लिए 2021 तक की डेडलाइन तय की है लेकिन यह काम 2024 से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। प्रोजेक्ट मुरैना और श्योपुर में जमीन अधिग्रहण में देरी होने के कारण पिछड़ गया है इस कारण प्रोजेक्ट में अब तीन साल अतिरिक्त लगेंगे। अभी नैरोगेज ट्रेन में ग्वालियर – श्योपुर के बीच 187.53 किमी का सफर 12 घंटे में पूरा होता था लेकिन ब्रॉडगेज लाइन बिछने के बाद ये सफर महज 4 घंटे में पूरा होगा।
एक नजर में प्रोजेक्ट
187.53 किमी में ग्वालियर – श्योपुर तक ब्रॉडगेज रेल ट्रैक बिछेगा, इसमें 96.46 किमी श्योपुर से कोटा का नया ट्रैक अलग से जुड़ेगा, 41 बड़े और 216 छोटे ब्रिज ग्वालियर से श्योपुर तक बनाए जाएंगे, 76 मीटर लंबा ब्रिज कूनो नदी के ऊपर 60 स्पॉन का बनाया जाएगा।
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