फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
सरकार की स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए जा रहे सामुदायिक शौचालय वोट बैंक की राजनीति और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहें हैं। ग्राम प्रधान आगामी चुनाव के मद्देनजर वोट साधने के लिए शौचालय योजना का भरपूर लाभ अपने खासमखास को दे रहे हैं। मामला जनपद बहराइच के विकास खण्ड महसी अंतर्गत ग्राम सभा सिकन्दर पुर का है जहां ग्राम प्रधान व पंचायत अधिकारी की मदद से सरकार की महत्त्वाकांक्षी सामुदायिक शौचालय योजना पर ग्रहण लग गया है और सामुदायिक शौचालय का उद्देश्य ही मिट गया है।
सूत्रों के मुताबिक सिकंदर पुर में सामुदायिक शौचालय का निर्माण ग्राम से करीब एक किलोमीटर दूर प्रधान के रिश्तेदार के अवैध संचालित विद्यालय के कब्जे वाले चकमार्ग पर हो रहा है जिससे लगभग 100 किसानों के खेत जाने का रास्ता बन्द हो गया है और निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय तक जाने के लिए महिलाओं को बहुत दूर परिक्रमा करते हुए घुटनों तक पानी को पार कर जाना होगा जबकि गांव के समीप तमाम नवीन परती व ग्राम समाज की भूमि पड़ी है परन्तु उसपे निर्माण न कराके अपने रिश्तेदार को लाभ देने की नीयत से उसके विद्यालय के अवैध कब्जे वाले चक मार्ग पर सामुदायिक शौचालय बनवा दिया और ऐसा तब है जब भूमि प्रबंधक समिति अध्यक्ष वर्तमान ग्राम प्रधान है जिनका दायित्व ग्रामसभा की संरक्षित भूमि की रक्षा करना होता है परन्तु अपने दायित्वों से हटकर स्वयं चकमार्ग पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कर स्वच्छता मिशन एंव भूमि प्रबन्धन के उद्देश्य का अस्तित्व मिटा रहे हैं।
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