मुंबई-आगरा रोड़ पर तेज रफ्तार कार से टकराया तेंदुआ, तेंदुए की मौत, शव वन विभाग के कब्जे में | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

मुंबई-आगरा रोड़ पर तेज रफ्तार कार से टकराया तेंदुआ, तेंदुए की मौत, शव वन विभाग के कब्जे में | New India Times

मुंबई-आगरा रोड़ पर एक तेंदुआ तेज रफ्तार कार से टकरा गया जिससे तेंदुए की मौत हो गई, जिसका शव वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है।

धुले ज़िले में तेंदुओं की सड़क हादसों में मौत का सिलसिला थमने नाम नहीं ले रहा है। वनविभाग की लापरवाही के कारण तीन दिनों में दो तेंदुए की दर्दनाक मौत सड़क हादसे में चुकी है। गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि में शिरपुर तहसील के मुंबई-आगरा महा मार्ग पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई जबकि दूसरे तेंदुए की दर्दनाक मौत शनिवार रविवार की मध्य रात्रि धुलिया शहर के महामार्ग पर घटित हुई है। वन विभाग ने दुर्घटना होने के 1 घंटे के बाद तेंदुए का शव को जब्त कर कब्जे में लिया था तब तक स्थानीय लोगों ने तेंदुए के चेहरे के मूंछ के बाल खींचकर तोड़ कर फरार हो गए थे।

धुलिया शहर से सटे ग्राम ललिंग घाट में एक सड़क दुर्घटना में तेंदुए की दर्दनाक मौत हो गई। मुंबई-आगरा महामार्ग स्थित लांडोर के पास रोड पार करते वक्त तेंदुए की तेज रफ्तार कार से टक्कर हो गई, जिसमें तेंदुए की मौत हो गई। शव को वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। ये कोई पहला मामला नहीं है जब तेंदुए की इस तरह से मौत हुई है बल्कि इससे पहले भी इसके आस-पास के इलाके में सड़क दुर्घटना में कई तेंदुओं की मौत हो चुकी है और शिरपुर तहसील क्षेत्र में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।

कई तेंदओ की मौत, वन विभाग की लापरवाही

वन विभाग प्रशासन की लापरवाही के कारण शिरपुर तहसील के आनेर इलाके आस-पास के सातपुडा क्षेत्र में कई बार तेंदुए देखे जाते हैं,वहीं बीते 1 से 2 साल में 8 से 10 तेंदुए की कई कारणों के चलते मौत हो चुकी है। आनेर तथा ललिंग अभ्यारण्य में बड़े पैमाने पर तेंदुए और अनेक जंगली पशु पक्षी हैं। सरकार ने इनके जतन हेतु करोड़ों रुपए का बजट में प्रावधान किया है किंतु अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रतिबंधित जंगल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जंगल वाल कंपाउंड के तारे तोड़ दी गई है जिसके कारण खुलेआम शिकारी और घास फूस की चोरी हो रही है और इसके साथ ही जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था के कटोरों की भी पूरी खराब हालत हो गई।

तेंदुए बन रहे हैं शिकार

बता दें कि विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके तेंदुओं की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है। आनेर अभ्यारण्य से पानी और शिकार की तलाश में भटक कर ज़िले के धुलिया, साक्री शिंदखेड़ा आदि इसके में अक्सर तेंदुए अपना आशियाना बनाते रहे और मौत को सड़क हादसों में गले लगा रहे हैं। इससे पहले भी साक्री में गत अक्तूबर माह में भी दो तेंदुए की मौत हुई थी। इस तरह से शिंदखेड़ा तहसील के वरषी में तीन दिन पहले आधी रात के समय तेंदुए की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 7 नवंबर 2017 को इसी घाट में एक मादा तेंदुए की मौत हुई थी।


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