जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
पुलिस विभाग में महिलाओं की सहभागिता से पुलिस कल्चर में बहुत गुणात्मक परिवर्तन हुए हैं। पुलिस परिदृश्य में व्यापक परिवर्तन हुए। महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। मैं पुलिस विभाग की ओर से महिला पुलिस को धन्यवाद करता हूँ। उक्त उद्गार पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना ने महिला पुलिस अधिकारियों की एक दिवसीय वर्टिकल इंटरएक्शन वर्कशॉप ”उड़ान” के समापन अवसर पर कही। उन्होंने सामायिक और महत्वपूर्ण विषय पर कार्यशाला आयोजित किए जाने पर महिला सुरक्षा शाखा को साधुवाद दिया।
डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि इस कार्यशाला में बहुत ही सार्थक और उपयोगी चर्चा हुई है। पिछले 30 वर्षों में महिलाओं की भूमिका में बहुत परिवर्तन हुआ है। समाज की सोच में भी सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। कामकाजी महिलाओं के लिए परंपरागत अपेक्षाएं और नयी भूमिका में सामंजस्य तथा समन्वय बनाना भी एक चुनौति है किंतु अनावश्यक तनाव न ले। उन्होंने सफल आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि सभी विमर्श पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. नंदितेष निलय ने महिला पुलिसकर्मियों को दक्ष और सक्षम बनने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि महिला या पुरूष होने का भाव त्याग केवल और केवल अच्छा पुलिस अधिकारी बनने पर फोकस करें। कार्यशाला में वर्टिकल इंटरएक्शन के लिए दस विषयों क्रमश: मैदानी पदस्थापना (कानून व्यवस्था अनुसंधान इत्यादि) के दौरान चुनौतियां एवं निदान, महिला पुलिस अधिकारियों के उत्कृष्ट कार्य संपादन हेतु अधोसंरचना (Infrastructure) की उपलब्धता, Enhancing Police Officer’s professional competence व्यक्तिगत दक्षता उन्नयन, Enhancing Police Officer’s personal competence व्यक्तिगत दक्षता उन्नयन, महत्वपूर्ण पदों पर महिला पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना-विभागीय एवं व्यवहारिक परिदृश्य, विभाग में महिला एवं पुरूष अधिकारियों का परस्पर आचरण-व्यवहार, कर्त्तव्य निर्वहन के साथ-साथ पारिवारिक सामंजस्य एवं आर्थिक प्रबंधन (Personal Experience), अच्छे पुलिस अधिकारी कैसे बनें, अंतर्राज्यीय / अंतर्राष्ट्रीय महिला पुलिस एवं मध्यप्रदेश महिला पुलिस-तुलनात्मक परिदृश्य तथा पदीय दायित्व निर्वहन के दौरान एवं समाज में पुलिस की सकारात्मक छवि निर्मित करने हेतु की गई उल्लेखनीय पहल पर दस समूह बनाए गए थे। सभी समूहों में एडीजी से आरक्षक स्तर तक की महिला पुलिस अधिकारी सम्मिलित थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(महिला सुरक्षा) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने इन समूहों की परिचर्चा के आधार पर निकले निष्कर्षों जैसे मैदानी पदस्थापना के दौरान चुनौतियां एवं निदान, विवेचना हेतु आवागमन की सुविधा, अधोसंरचना विकास, बैरक निर्माण, व्हीकल्स की उपलब्धता, प्ले स्कूल, पुलिस सेवा में कार्यरत महिलाओं के परिजनों को उचित परामर्श ताकि रवैया सकारात्मक रहें। तकनीकि तथा वाहन चालन प्राशिक्षण आदि से अवगत कराया। इस अवसर पर महिला सुरक्षा शाखा द्वारा जुलाई 2019 से मार्च 2022 तक के परिपत्रों का संकलन ”दिशा” पुस्तिका का भी विमोचन पुलिस महानिदेशक श्री सक्सेना द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि केन्द्र तथा राज्य शासन की मंशानुरूप प्रदेश की महिला पुलिस अधिकारियों को चुनौतिपूर्ण कार्य/ पदस्थापना के लिए समर्थ और दक्ष बनाने तथा पुलिस के दायित्व के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों में सामंजस्य/ समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से यह एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर एडीजी श्रीमती अनुराधा शंकर, श्रीमती सुषमा सिंह, डी.श्रीनिवास राव, श्री विजय कटियार सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन समनि श्रीमती शालिनी दीक्षित तथा सुश्री पिंकी जिवनानी द्वारा किया गया।
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