नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
2002 में जापान सरकार की ओर से महाराष्ट्र सरकार से अनुबंध पर करीब 15 करोड़ रुपया खर्च कर भुसावल से अजंता गुफाओं तक बनाया गया राजमार्ग नं 188 आज पूरी तरह जर्जर हो गया है. इसी सड़क को जनता की मांग पर भुसावल पथ निर्माण विभाग की हद में मरम्मत कराया जा रहा है. गंगापुरी से लेकर क़ुर्हा गांव तक बस एक डामर पैच बनाया गया है. जैसे ही डामर, गिट्टी, घेसु से पैच बनाकर काम आगे सरका वैसे ही तत्काल यह पैच उखड़ना शुरू हो गया. इससे आप काम की गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते हैं. गड्ढों की सफाई किए बिना उनमें 2 से ढाई MM की गिट्टी ठूसकर उसपर हल्का सा डामर छिड़का गया फिर घेसु डालकर रोलर से दबा दिया गया बस हो गया पैच. इस पैच के आगे का काम पूरी तरह से ठप है ये अभूतपूर्व काम किसी भारत कंस्ट्रक्शन के मार्फ़त किया जा रहा है हो सकता है असली ठेकेदार कोई और हो वैसे भी कमीशन पर काम देने का रिवाज ठेकेदारी मे काफी पुराना है . इस काम पर पथ निर्माण के किसी भी जबाबदेह अधिकारी की कोई विजिट नही बस कमीशन और बिलिंग का चक्कर है मरम्मत के नाम पर लाखो रुपयो के बिल कमीशन लेकर बिना किसी जांच के अदा किए जा रहे हैं. गंगापुरी से मांडवा तक सड़क के दो तरफा करीब 5 किमी का सुरक्षित वन क्षेत्र है और यही क्षेत्र सड़क लूटपाट के लिए पहचाना जाता है.
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