अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT; हालांकि धार्मिक मान्यताओं को मानना व उसको अपने जीवन में उतारना हर इंसान का व्यक्तिगत फैसला होता है। लेकिन हर धर्म को सम्मान देने का अर्थ यह निकल कर आता है कि उस इंसान की इंसानियत व उसकी खानदानी परवरिश के असर को दर्शाता है।
आंध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री रहते अपने निवास पर दी जाने वाले इफ्तार व ईद व ईदुल जुहा की नमाज में सफ में खड़े होकर नमाज अदा करने की अक्सर सुनते व अखबारात में पढते एवं टीवी पर देखने को मिलते रहना वहां आम बात हो गई है। लेकिन आज के समय बने या बनाये जा रहे अजीब माहौल में राजस्थान भाजपा सरकार के मंत्री राजकुमार रिणावां के कल ईद की नमाज अपने चुनावी क्षेत्र चूरु जिले के रतनगढ कस्बे की ईदगाह मस्जिद में नमाजियों की सफ (कतार) में खड़ा होकर पढना वास्तव में सभी धर्मो के सम्मान व इंसानी मोहब्बत को दर्शाना ही माना जायेगा।कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान के शेखावाटी जनपद में कौमी यकजहती की रस्सी सालों से इतनी मजबूत है कि चंद लोगों द्वारा इस भाईचारे की रस्सी को तोड़ने की कोशिशे की है लेकिन उन्हें हमेशा निराशा ही हाथ लगी है। मंत्री रिणावां का यह चुनावी स्टंट है या मोहब्बत के पैगाम के साथ सभी धर्मो के सम्मान का माहौल कायम करना। यह तो वो स्वयं जाने लेकिन जनप्रतिनिधी की असल परिभाषा को सामने जरुर रखा है।
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