Edited by Sandeep Shukla; नई दिल्ली, NIT;
केंद्र सरकार 1 जुलाई से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी ) लागू करने जा रही है। सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए टैक्स की दरें तय हो गईं और लगभग सभी नियमों को भी हरी झंडी मिल गई है।
जारी करने की तिथि तक जो थोड़ी-बहुत कमियां बच गई होंगी, उन्हें दूर करने के लिए 30 जून को जीएसटी काउंसिल की एक और मीटिंग होगी, व भविष्य म भी यदि व्यावहारिक समस्याएं होंगी उनका भी समाधान किया जायेगा।
निम्नलिखित सामान्य जिज्ञासाएं है GST को लेकर…..
- 1. क्या है जीएसटी?
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एकीकृत कर प्रणाली है। इसमें सभी अप्रत्यक्ष कर (एक्साइज आदि) को मिला दिया गया है। अब हर राज्य में भिन्न कर नहीं लगेगा बल्कि देशभर के लिए एक जीएसटी होगा।
- 2. क्या जीएसटी उपभोक्ता को भी देना होगा?
इसमें सेवा कर भी शामिल है। इसलिए एसी रेस्त्रां में खाने, ट्रेन-हवाई यात्रा और अन्य सेवाओं पर उपभोक्ता को भी जीएसटी चुकाना होगा। लेकिन इसे संबंधित सेवा प्रदाता वसूलेंगे और जमा करेंगे।
- 3. क्या जीएसटी में सभी को रिटर्न भरना होगा?
नहीं। केवल 20 लाख रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले व्यक्ति या संस्थाएं ही जीएसटी चुकाएंगी। (मुझे इसकी अधिकतम सीमा अभी जाननी है)
- 4. आम आदमी को जीएसटी से कैसे लाभ होगा?
एक कर होने से कर के ऊपर कर नहीं चुकाना पड़ेगा। इससे वस्तु एवं सेवाएं सस्ती होंगी।
- 5. क्या जीएसटी में सभी तरह की वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर समान है?
नहीं। इसके अन्तर्गत कर की चार श्रेणी है। इसमें 5 प्रतिशत,12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत है।
- 6. खाने-पीने के समान पर कितना कर लगेगा?
जीएसटी के तहत खाने-पीने के अधिकतर सामान पर कोई कर नहीं है। जबकि कुछ वस्तुओं पर न्यूनतम दर पांच फीसदी की श्रेणी में रखा गया है।
- 7. क्या दूध और घी पर जीएसटी लगेगा?
दूध को जीएसटी से बाहर रखा गया है। जबकि घी पर जीएसटी लगेगा।
- 8. काजू पर जीएसटी की दर क्या है?
इसपर पांच फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले इसपर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव था जिसे बाद में घटा दिया गया।
- 9. क्या बिक्री कर और वैट अलग से चुकाना होगा?
नहीं। जीएसटी में बिक्री कर, उत्पाद शुल्क, और मूल्यवर्द्धित कर (वैट) सबको मिल दिया गया है। इसलिए इन्हें अलग से चुकाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- 10. क्या जीएसटी से चुंगी कर समाप्त हो जाएगा?
हां। अब राज्यों में प्रवेश कर (चुंगी) समाप्त हो जाएगा। इसे भी जीएसटी में मिला दिया गया है।
- 11. क्या जीएसटी से आयकर का बोझ घटेगा?
आयकर का जीएसटी से सीधे कोई संबंध नहीं है। लेकिन जीएसटी के कारण से कर वसूली बढ़ेगी तो भविष्य में इससे आयकर की दरों में कमी की अपेक्षा कर सकते हैं।
- 12. जीएसटी से मकान की कीमत बढ़ेंगी या कम होगी?
इससे मकान के दाम घटेंगे। वर्तमान में निर्माणाधीन मकान पर 4.5 प्रतिशत का सेवा कर लगता है जो जीएसटी में बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाएगा। इसके बावजूद मकान के दाम कम होंगे क्योंकि अभी निर्माण सामग्री पर उत्पाद शल्क, वैट और चुंगी कर है। लेकिन वतर्मान समय में इनका कोई इनपुट क्रेडिट (रिफंड) नहीं मिलता है। जबकि जीएसटी में पूरा क्रेडिट मिलेगा और बिल्डर इन सब चीजों पर जो कर चुकाएगा वह उसे वापस मिल जाएगा।
- 13. जीएसटी से कैसा सस्ता होगा मकान?
यदि ठेकेदार दो हजार रुपये प्रति वर्गफुट के अनुसार बिल्डर से 18 प्रतिशत सेवा कर 360 रुपये प्रति वगर्फुट वसलूता है। इसके बाद बिल्डर फ्लैट का दाम तीन हजार रुपये प्रति वगर्फुट रखता है तो 12 प्रतिशत जीएसटी की दर 360 रुपये प्रति वगर्फुट कर बनेगा। 360 रुपये प्रति वगर्फुट जीएसटी ठेकेदार पहले ही दे चुका है तो इस स्थिति में बिल्डर को कोई कर नहीं चुकाना होगा। इस स्थिति में खरीदार से भी वह सेवा कर नहीं वसूल सकता है।
- 14. हर माह की बिक्री का रिटर्न भरने की दिनांक क्या होगी?
जीएसटी कानून के तहत एक महीने में की गई सभी प्रकार की बिक्री या कारोबार के लिए रिटर्न अगले महीने की दिनांक 10 तक भरनी है। इसीलिए अगर जीएसटी 1 जुलाई से लागू होता है, तो बिक्री का आंकड़ा 10 अगस्त तक अपलोड करना है।
- 15. क्या रिटर्न के लिए कोई प्रारूप है जिसे देखकर रिटर्न भरा जा सकेगा?
25 जून तक जीएसटीएन पोर्टल पर एक्सेल शीट जारी की जाएगी। इससे करदाताओं को उस प्रारूप के बारे में पता चलेगा जिसमें सूचना देनी है।
- 16. रिटर्न का ब्योरा भरने का तरीका क्या होगा?
एक्सेल शीट में कंपनियों को रसीद (इनवायस) संख्या, खरीदार का जीएसटीआईएन, बेचे गये सामान या सेवाएं, वस्तुओं का मूल्य या बिक्री की गई सेवाएं, कर प्रभाव तथा भुगतान किए गये कर जैसे लेन-देन का ब्योरा देना होगा।
- 17. रिटर्न फॉर्म कब से मिलना शुरू होगा?
जीएसटी रिटर्न फार्म जुलाई के मध्य में उपलब्ध कराया जाएगा।
- 18. किराने की दुकान में ग्राहक पांच-10 रुपए का भी सामान खरीदते हैं। क्या उनका भी बिल बनाना पड़ेगा?
खरीदार बिल मांगता है तो उसे देना पड़ेगा। नहीं चाहिए तो 200 रुपए से कम के सभी लेन-देन के बदले पूरे दिन में एक बिल बना सकते हैं। इनके खरीदार आम ग्राहक यानी अनरजिस्टर्ड होने चाहिए।
- 19. क्या सबको एक जैसा बिल बनाना है?
नहीं। जीएसटी करदाता इसका डिजाइन तैयार करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, बिल बनाने के नियम के मुताबिक कुछ जरूरी जानकारियां उस पर होनी चाहिए।
- 20. जीएसटीएन पर पंजीकरण दोबारा कब शुरू होगा?
25 जून से जीएसटीएन पर पंजीकरण शुरू होगा।
- 21. क्या जीएसटी के लिए हमेशा इंटरनेट की जरूरत?
नहीं। केवल जीएसटी रिटर्न के लिए महीने में एक बार इंटरनेट की जरूरत होगी। हर रोज कंप्यूटर पर ब्योरा दर्ज करने की भी जरूरत नहीं है।
- 22. बिल ऑफ सप्लाई क्या है? कौन जारी करेगा?
कर से छूट वाली वस्तुएं एवं सेवाओं के लिए जो बिल बनेगा उसे बिल ऑफ सप्लाई कहा जाएगा। पंजीकृत व्यक्ति बिल की जगह इसे जारी करेगा। इसमें भी आम ग्राहक (अनरजिस्टर्ड ) व्यक्ति को 200 रुपए से कम की आपूर्ति के लिए बिल जरूरी नहीं है।
- 23. रिसीट और रिफंड वाउचर क्या है?
पंजीकृत कारोबारी को किसी वस्तु एवं सेवा के लिए अग्रिम (एडवांस) भुगतान मिलता है तो उसके बदले उसे रिसीट वाउचर बनाना पड़ेगा। बाद में वस्तु एवं सेवा की आपूर्ति नहीं हुई तो पैसे लौटाते वक्त रिफंड वाउचर बनेगा।
- 24. क्रेडिट और डेबिट नोट कब जारी होंगे?
आपूर्तिकर्ता ने जिस कीमत का कर का बिल बनाया और बाद में पता चला कि कीमत कम है। तब वह क्रेडिट नोट जारी करेगा। इसी तरह यदि बाद में पता चलता है कि कीमत ज्यादा है तो डेबिट नोट जारी होगा। इसी तरह खरीदार ने सामान लौटाया या सामान की मात्रा कम निकली तब भी आपूर्तिकर्ता क्रेडिट नोट जारी करेगा।
- 25. क्या छोटे व्यवसायों के लिए बिल पर प्रोडक्ट कोड नंबर (एचएसएन) लिखना जरूरी है?
नहीं। जिनका वार्षिक व्यवसाय 1.5 करोड़ रुपए तक है उन्हें बिल पर एचएसएन कोड लिखने की जरूरत नहीं है।
- 26. टैक्स की रसीद या बिल कौन और कब जारी करेगा?
इसे जीएसटी के दायरे में आने वाले उत्पाद की आपूर्ति करने वाला पंजीकृत व्यक्ति जारी करेगा। सामान के लिए बिल उसे भेजने से पहले या भेजते वक्त जारी होगा। सेवाओं का बिल या रसीद आपूर्ति के 30 दिन बाद तक जारी किया जा सकता है।
- 27. क्या जीएसटी से महंगाई बढ़ने की आशंका है?
नहीं। सरकार का आकलन है कि जीएसटी से खुदरा महंगाई – दो प्रतिशत तक घट सकती है।
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