अशफाक कयमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
कुछ लोग दुनिया में अपने लिये नहीं बल्कि दूसरों के हित में जीवनभर काम करने के लिये अल्लाह पाक के करम से आते हैं। जब वो लोग अल्प समय में बहुत कुछ खिदमत ए खल्क में काम अंजाम देते हुये अचानक जब हमें अलविदा कह कर चले जाते हैं तब उनके खालीपन से चाहने वालों को बड़ा सदमा लगना महसूस होता है। ऐसा ही राजस्थान के झूंझुनू जिले के बिसाऊ कस्बे के निवासी व मुम्बई प्रवासी हाजी मोहम्मद इलियास खत्री व हनुमानगढ़ जिले के भादरा कस्बे के निवासी हाजी दाऊद कुरेशी नामक दो शख्सियतें जिन्होंने जीवन भर खिदमत ए खल्क में लगाते हुये कल हमें अचानक अलविदा कहते हुये अपने आखिरी सफर के लिये निकल गये।
खासतौर पर राजस्थान के कुरैश समाज की उक्त दो महान शख्सियतों में से हाजी दाऊद कुरेशी वर्तमान में कुरैश समाज राजस्थान व नगरपालिका भादरा के वर्तमान में अध्यक्ष थे। कुरेशी भादरा नगरपालिका के दूसरी दफा चेयरमैन चुने गये थे। वहीं कुरेशी ने खासतौर पर अपने समाज में शिक्षा के प्रति ऐसी सकारात्मक बयार चलाई थी जिसके सुखद परिणाम महसूस किये जा रहे हैं।
हाजी इलियास खत्री एक नेकदिल व सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति थे। जिन्होंने कड़ी मेहनत करके अपने भवन निर्माण के कार्य से कमाये धन का उपयोग जरुरतमंद लोगों की हरमुमकिन व यथासंभव खिदमत में खर्च करके खुशी महसुस करते थे।
मरहूम हाजी दाऊद कुरेशी व मरहूम हाजी मोहम्मद इलियास खत्री खासतौर पर भवन निर्माण के काम से जुड़े हुये थे। इनका कारोबार भारत व भारत के बाहर भी था। दोनों में से हाजी दाऊद कुरेशी वर्तमान में भादरा नगरपालिका के चैयरमैन थे एवं हाजी इलियास खत्री के नजदीकी रिश्तेदार हारुन खत्री बिसाऊ नगर पालिका के चैयरमैन रह चुके हैं।
पिछले साल से लेकर वर्तमान समय में चल रहे कोराना नामक महामारी के कोराना काल में लगे लॉक डाऊन-20 में उक्त दोनों मरहूमीन ने जरुरतमंदों की हर तरह से जो खिदमात अंजाम दी थी उस तरह की मिसालें मिलना आज के समय में काफी मुश्किल नजर आता है।
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