हरकिशन भारद्वाज, सवाई माधोपुर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
कल सोमवार 26 अक्टूबर से 14 नवम्बर 2020 तक प्रदेशभर में चलने वाले शुद्ध के लिये युद्ध अभियान की तैयारियों की समीक्षा और आवश्यक दिशा-निर्देश देने के लिये मुख्य सचिव राजस्थान सरकार राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलेक्टरों की वीसी के माध्यम से बैठक ली। वीसी में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोडा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन एवं पशुपालन, गृह समेत अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि मिलावटी खाद्य सामग्री से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव पड़ता है तथा उसके साथ धोखा होता है। मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो, इसके लिये सूचना तंत्र को मजबूत बनायें। मिलावटखोरों के खिलाफ सूचना देने के लिये आमजन आगे आयें, इसके लिये सम्बंधित अधिकारी के कॉन्टेक्ट नम्बर या कंट्रोल रूम की सूचना मीडिया में प्रकाशित करें। अभियान का फोकस दूध और इससे बने पदार्थ, मसाले, तेल, आटा, बेसन और सूखे मेवों पर है।
उन्होंने बताया कि निर्धारित मानक की खाद्य सामग्री न मिलने पर धारा 51 के अनुसार 5 लाख रूपये जुर्माना, मिलावट पर धारा 52 के अनुसार 3 लाख जुर्माना तथा स्वास्थ्य और जीवन के लिये खतरा पैदा करने वाली (अनसेफ) खाद्य सामग्री मिलने पर धारा 59 में 6 माह से लेकर आजीवन कारावास तथा 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। सैम्पल का नियमानुसार कलेक्शन, पैकिंग और लेब टेस्टिंग सुनिश्चित हो ताकि प्रभावी कानूनी कार्रवाई हो सके।
मुख्य सचिव ने बताया कि धारा 59 या मिलावट के बड़े मामले की सूचना देने वाले को 51 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। सभी मामलों में सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जायेगी। उन्होंने निरीक्षण टीमों द्वारा की गई कार्रवाई, लैब टेस्टिंग रिपोर्ट तथा मिलावटखोरों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई का व्यापक प्रसार-प्रसार के निर्देश दिये ताकि आमजन इस अभियान से जुडकर अधिक से अधिक सूचना दें।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि त्यौहारों के सीजन में मिठाई समेत अन्य खाद्य पदार्थाे में मिलावट की सम्भावना अधिक होती है। इस अभियान को पूर्ण सफल बनाने के लिये उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया। उन्होंने कोरोना जागरूकता जन आंदोलन के सम्बंध में भी निर्देश दिये।
खाद्य विभाग के शासन सचिव ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति निरीक्षण टीमों को कार्रवाई के दिन ही सूचना दे। इस समिति में पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ, डीएसओ तथा डेयरी विभाग का प्रतिनिधि सदस्य हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर को समिति संयोजक नियुक्त किया गया है।
मुख्य सचिव ने कोरोना संक्रमण रोकथाम की दृष्टि से राज्य की सफलता की सराहना की । उन्होंने कहा कि आगामी 1 महीना बहुत महत्वपूर्ण है। त्यौहारों में बाजारों में खरीददारी हो, लोग उत्साह से त्यौहार मनायें लेकिन भीडभाड के कारण संक्रमण ज्यादा फैला तो मुश्किल आ सकती है। इसलिये सावधानी और सजगता से काम लें। ‘‘ नो मास्क-नो एंट्री’’ को रोजमर्रा की आदत में शामिल कर इससे मुकाबला किया जा सकता है।
चिकित्सा विभाग के प्रधान सचिव अखिल अरोडा ने निर्देश दिये कि नवीनतम कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करें। इसके लिये कलेक्टर और सीएमएचओ निजी अस्पतालों से भी समन्वय रखें तथा उन्हें इससे सम्बंधित बुकलेट उपलब्ध करवायें। कोरोना से रिकवर हुये लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की नियमित जॉंच और देखभाल जरूरी है। जिले में पोस्ट कोविड केयर सेंटर भी संचालित किया जाए। उन्होंने बताया कि इसके लिये पोस्ट कोविड प्रोटोकॉल बनाया गया है। इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिये चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, कोरोना से रिकवर हुये मरीज और उसके परिजनों में समन्वय आवश्यक है।
वीसी में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया, एसपी सुधीर चौधरी, एडीएम बीएस पंवार, गंगापुर एडीएम नवरतन कोली, सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीणा, डीएसओ सौरभ जैन व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। वीसी के तत्काल बाद जिला कलेक्टर ने एडीएम ,सीएमएचओ, डीएसओ व अन्य सम्बंधित अधिकारियों की बैठक ली तथा जिले में शुद्ध के लिये युद्ध अभियान के लिये जॉंच टीमों का गठन करने, लैब टेस्टिंग व अन्य व्यवस्थाओं के बारे में निर्देश दिये।
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