शेखावाटी के सपूत विवेक कुमार प्रधानमंत्री व अजय भादू बने राष्ट्रपति के निजी सचिव, शेखावाटी जनपद के लोगों में खुशी के साथ बढीं उम्मीदें | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

शेखावाटी के सपूत विवेक कुमार प्रधानमंत्री व अजय भादू बने राष्ट्रपति के निजी सचिव, शेखावाटी जनपद के लोगों में खुशी के साथ बढीं उम्मीदें | New India Times

हालांकि शेखावाटी जनपद के सियासी जन नेताओं ने भारतीय स्तर पर अहम पदों पर रहने के अलावा अहम जिम्मेदारी निभाने का रिकार्ड बनाया है लेकिन जनता में अक्सर रुक रुक कर एक बात सुनने में मिलती रहती थी कि असल राज तो ब्यूरोक्रेट्स चलाते हैं। अब जाकर शेखावाटी के झूंझुनू के सपूत व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी विवेक कुमार को भारत के प्रधानमंत्री व सीकर के सपूत व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजय भादू को राष्ट्रपति का निजी सचिव बनाया गया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजय भादू 1996 बैच के गुजरात कैडर में नियुक्त होने के बाद गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदी बेन के सचिव भी रह चुके हैं जबकि भारतीय विदेश सेवा के लिये 2004 में चयनित विवेक कुमार रसिया व आस्ट्रेलिया में सेवाएं देने के बाद 2014 में प्रधानमंत्री कार्यलय में सेवा देने के बाद अब प्रधानमंत्री के निजी सचिव नियुक्त हुये हैं।
सीकर की बहु प्रतिभा पाटिल भारत की राष्ट्रपति व बेटा भैरोसिंह शेखावत उपराष्ट्रपति पद पर रहने के अलावा तत्तकालीन समय में सीकर के सांसद चौधरी देवीलाल उप प्रधानमंत्री व बलराम जाखड़ लोकसभाध्यक्ष के अलावा केंद्र में मंत्री रहे। शेखावाटी के शीशराम ओला, दोलतराम सारण, अय्यूब खान, जगदीप धनखड़, सुभाष महरिया, महादेव सिंह, भी केंद्र में मंत्री का ओहदा पाया है। भारत के प्रधानमंत्री बने चंद्रशेखर के वंशक का निकास भी उदयपुरवाटी के गुढा क्षेत्र से था। इसके अलावा शेखावाटी की बेटी कमला बेनीवाल राज्यपाल रह चुकी हैं। वहीं बेटे जगदीप धनखड़ को अभी अभी पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया है।
अडाणी, रिलायंस, टाटा , गोदरेज व विपरो को छोड़कर बाकी बिड़ला, बांगड़, गोयनका, पौद्दार, रुईया, मोदी, खेतान, तोदी, मित्तल, एमडीएच, तापड़िया, बजाज, साबू, सोभासरीया, सिंघानिया, मोररका, गोयनका सहित अनेक नामी उधोगपति भी शेखावाटी जनपद के रहने वाले हैं।
भारत के सियासत में अहम किरदार अदा करने वालों के अलावा अधीकांश नामी उधोगपतियों का तालूक शेखावाटी की धरती से होने के बावजूद आज भी विकास के नाम पर वो सबकुछ नहीं हो पाया जिसकी उम्मीद व आवश्यकता शेखावाटी जनपद की अवाम को थी। जब जब विकास व औद्योगिक क्रांति की बात जनपद में उठती थी तो लोग कहते थे कि असल सरकार तो ब्यूरोक्रेट्स ही पर्दे के पिछे से चलाते हैं। अब जाकर शेखावाटी के सपूत ब्यूरोक्रेट्स बनकर भारत के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के निजी सचिव बनने के बाद जनपद में कितना बदलाव आता है उसको देखना होगा।


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