कांग्रेस का बजट निराशाजनक: सांसद गुमान सिंह डामोर | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:कांग्रेस का बजट निराशाजनक: सांसद गुमान सिंह डामोर | New India Times

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के बजट पर झाबुआ रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के लिए शुरू की गई संबल योजना को पहले ही बंद कर दिया था और अब बजट में भी इस वर्ग के लोगों के साथ धोखा किया है। सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों द्वारा वित्त निगम से लिए गए 1 लाख तक के कर्ज माफ करने की बात कही है, लेकिन इसकी प्रक्रिया भी किसान कर्जमाफी की तरह अस्पष्ट है।
सांसद डामोर ने कहा कि सरकार बताए कि कमजोर वर्गों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए उसने क्या और कितना प्रावधान किया है !
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने पिछड़े वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए 961 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था जबकि इस सरकार ने पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण को मिलाकर 821 करोड़ का ही प्रावधान किया है।
वही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में सांसद डामोर ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई संबल योजना,दीनदयाल रसोई योजना,मेधावी छात्रवृत्ति योजना जैसी अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगा दि है।
वहीं राज्य बीमारी सहायता योजना जैसी लोक कल्याणकारी योजना के बारे में बजट में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
सांसद डामोर ने कहा कि ये सभी योजनाएं समाज से सीधे तौर पर जुड़ी हुई थीं और इनका प्रभाव समाज का हर वर्ग महसूस करता था,लेकिन कांग्रेस के बजट में इन योजनाओं के बारे में सरकार की चुप्पी बताती है कि उसे जनता के सुख-दुख से कोई सरोकार नहीं है। कमलनाथ सरकार के बजट में वह उदारता कहीं भी और किसी भी प्रारूप में दिखाई नहीं देती।
भाजपा जिला अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2018 के बजट में मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के लिए 350 करोड़ का प्रावधान किया था,परन्तु कांग्रेस की इस सरकार ने 309 करोड़ का ही प्रावधान किया है,भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 700 करोड़ का प्रावधान किया था,इस सरकार ने 300 करोड़ का ही प्रावधान किया है।सिंचाई परियोजनाओं के लिए भाजपा सरकार ने 10928 करोड़ का प्रावधान किया था वही कमलनाथ सरकार ने 6877 करोड़ का ही प्रावधान किया है। बिजली कटौती से त्रस्त जनता को कोई राहत न देते हुए कमलनाथ सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 9888 करोड़ का ही प्रावधान किया है जबकि भाजपा की सरकार ने इस क्षेत्र के लिए दोगुना यानी 18 हजार,72 करोड़ का प्रावधान किया था।


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