संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
पन्ना जिले के अमानगंज सहित समूचे आंचलिक क्षेत्रों में अपंजीकृत डॉक्टरों की भरमार हो गयी है जिसमें इन डॉक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन या कोई वैधानिक दस्तावेज। वहीं शासकीय अस्पतालों के आस-पास ही कई अपंजीकृत डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। वही शासकीय हॉस्पिटल में डॉक्टरों का अभाव है जिसके चलते मरीजों को मजबूरन इन अपंजीकृत डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है जिसका खमियाजा मरीजों को कभी-कभी अपनी जान देकर या गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर भुगतना पड़ता है। इसको प्रशासन की लापरवाही कहा जाये या मरीजों की मजबूरी कहा जाए, सब कुछ जानते हुए भी मरीजों को उनके दर पर जाना पड़ता है जिसका लाभ यह अपंजीकृत डॉक्टर मरीजों से मोटी रकम वसूल कर लेते हैं साथ ही बिना किसी अनुभव के उनके जीवन के साथ खिलवाड़ भी करते हैं। जिसका गंभीर परिणाम कभी कभी मरीजों को भुगतना भी पड़ता है। वहीं आम तौर पर देखा गया है कि प्रशासन में अधिकारियों की जानकारी में संपूर्ण मामले होने के बावजूद भी उन पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसकी वजह से अपंजीकृत डॉक्टर या तो अपने रसूख के चलते या फिर पैसों के बल पर ले देकर के मामला निपटा लेते हैं जिस कारण से इनके हौसले बुलंद होते हैं और इन दवाइयों का भी उपयोग करने से भी नहीं चूकते हैं जिनका उपयोग शासकीय डॉक्टर के अतिरिक्त अन्य कोई उसे उपयोग नहीं कर सकता है। ऐसा ही एक ताजातरीन मामला अमानगंज में उस समय देखने को मिला जब अचानक बीएमओ की 4 सदस्यीय टीम ने अमानगंज के नया बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय के पीछे संचालित सद्गुरु जे.एस.आर. क्लीनिक पर एक अपंजीकृत डॉक्टर के यहा छापामार कार्यवाही की। जिससे नगर के सभी अपंजीकृत डॉक्टरों में हड़कंप मच गया और अपनी अपनी क्लीनिक पर ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए। वहीं छापामार कार्रवाई करने वाले बीएमओ डॉक्टर रितेश दुबे ने बताया आरोपी अपंजीकृत डॉक्टर मोती लाल कुशवाहा पिता राम अवतार कुशवाहा उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम चुनहा नागौद जिला सतना का निवासी है जो अमानगंज में विगत 5 वर्षों से क्लीनिक संचलित कर रहा है जिनकी शिकायत 181 सीएम हेल्पलाइन पर एवं ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह सिंहपुर नागौद द्वारा एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र आरोपी डॉक्टर के खिलाफ किया गया था। जिस पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना द्वारा आदेश किया गया था जिस पर आरोपी अपंजीकृत डॉक्टर के यहाँ छापामार कार्यवाही की गई है।व जिसमें इनके पास किसी प्रकार के वैधानिक दस्तावेज व पंजीयन नहीं है एवं इनके पास से गर्भ गिरने वाली दबाएं एवं कुछ अन्य दवाएं मिली हैं जो कानूनी तौर पर शासकीय डॉक्टर ही दे सकते हैं।आरोपी डॉक्टर को पहले भी क्लीनिक बन्द करने का नोटिस 14/2/2019 को भेजा गया था वाबजूद इसके क्लीनिक चलाते रहे जिस पर कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना के चलते आरोपी के विरुद्ध मध्य प्रदेश उपचार्यग्रह तथा रुजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 वें नियम 1997 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की गई है।
कार्यवाही करने वाली टीम में बीएमओ रितेश दुबे, तहसीलदार रामलाल विश्वकर्मा, नायब तहसीलदार रतन सिंह, सदर पटवारी पवन गर्ग, एसआई आई एस.एस. परिहार, मृदुल तिवारी X-ray टेक्निशियन, बबन चौहान कंप्यूटर ऑपरेटर, आरक्षक बृजेश सिंह ठाकुर, देवी प्रसाद अहिरवार कंप्यूटर ऑपरेटर, धीरेंद्र बाजपाई भृत्य, सुभाष वाल्मीकि सफाई कर्मी की टीम एवं स्थानीय मीडिया तंत्र मौजूद रहा।
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